कुलपति की अध्यक्षता में सभी पदाधिकारियों की बैठक

विश्वविद्यालय का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। हम सबों को मिलकर इस दिशा में आगे बढ़ाना है। यह सच है कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। लेकिन जितना संसाधन है, उतने में ही हमें बेहतर काम करना है। हम सबों को विश्वविद्यालय के विकास में अपनी पूरी शक्ति लगानी है। यह बात कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही। वे बुधवार को विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों की एक अत्यावश्यक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में सोमवार को राजभवन, पटना में आयोजित बैठक में  राजभवन द्वारा प्राप्त निदेशों के अनुपालन पर विचार-विमर्श किया गया और आवश्यक निर्णय लिए गए। इसमें विशेष रूप से परीक्षाओं के सुचारू संचालन और ससमय परीक्षाफल के प्रकाशन पर विचार किया गया।
विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षा आयोजित करते हुए सितंबर-अक्टूबर तक उनके परिणाम प्रकाशित किए जाने का निर्णय लिया गया। इस वर्ष परीक्षा कैलेंडर एवं अकादमी कैलेंडर को इस रूप में व्यवस्थित कर लिया जाएगा, ताकि अगले वर्ष का सही समय पर प्रारंभ हो सके।  
कुलपति ने कहा कि हमें ससमय परीक्षाफल देना है और पेंडिंग की समस्या का स्थाई समाधान करना है। किसी पेपर की परीक्षा समाप्त होते ही हमें उसका मूल्यांकन शुरू कर देना है। पूरी परीक्षा समाप्त होने का इंतजार नहीं करना है। हमें परीक्षा समाप्त होते ही तुरंत रिजल्ट देने का प्रयास करना है। साथ ही हमें मूल्यांकन एवं टेबुलेशन के दौरान ही इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि पेंडिंग हो ही नहीं।
विश्वविद्यालय के प्रस्तावित एकेडमिक कैलेंडर एवं परीक्षा कैलेंडर के अनुसार स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा 22 अगस्त से होगी। स्नातक द्वितीय खंड की परीक्षा 29 अगस्त से होगी। स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा 10 अगस्त से होगी। स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर (सीबीसीएस), दिसंबर 2018 और स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर, जून 2019 की परीक्षा 27 जुलाई से होगी। सभी परीक्षाओं का परिणाम हर हाल में 5 अक्टूबर के पूर्व जारी कर दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय द्वारा नामांकन, परीक्षा एवं अन्य कार्य ऑनलाइन ही पूरी किए जाने का प्रयास किया जाएगा। साथ में यथासंभव शुल्क भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध ऑनलाइन प्रदान की जाएगी।  किसी भी परिस्थिति में किसी भी विश्वविद्यालय विभाग या महाविद्यालय में किसी भी पाठ्यक्रम में निर्धारित सीटों से अधिक नामांकन नहीं किया जाए। 
महाविद्यालयों द्वारा नैक मूल्यांकन कराए जाने के लिए आईआईक्यूए में निबंधन एवं एसएसआर दाखिल कराए जाने से संबंधित एक्शन प्लान विश्वविद्यालय राज्यपाल सचिवालय को एक सप्ताह के अंदर भेजेगा। विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन के कार्यों में तेजी लाने पर विचार-विमर्श किया गया। विश्वविद्यालय के आईआईक्यूए कार्यालय में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
सहायक प्राध्यापकों की संबंधित रिक्तियों पोस्टर क्लीयरेंस कराते हुए शिक्षा विभाग को भेजा जा रहा है। शिक्षक छात्र अनुपात की युक्तिकरण के कार्य को विषयवार एवं कॉलेजवार सुनिश्चित करने की दिशा में  कार्रवाई की जाएगी। 

ऑनलाइन इंटरएक्टिव लेक्चर की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए विश्वविद्यालय में विशेषज्ञ प्राध्यापकों की एक टीम बनेगी। यह टीम गुणवत्तापूर्ण व्याख्यान का मूल्यांकन करते हुए उनकी अपलोडिंग वेबसाइटों पर सुनिश्चित कराएगी। स्वयं एवं स्वयं प्रभा ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली के तहत महाविद्यालय विश्वविद्यालय विभागों को निबंधित कराने के लिए भी निर्देशित किया गया है। ऑनलाइन डिग्री तथा डिग्रियों की नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी अपलोडिंग की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएँगे। विद्यालय परिसर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की आवश्यकता महसूस करते हुए स्थापना हेतु आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश प्रदान किए गए।
इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी सुरेशचंद्र दास, डीएसडब्लू डॉ. अशोक कुमार यादव, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजुम, कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डाॅ. उदयकृष्ण, शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डाॅ. नरेश कुमार, केंद्रीय पुस्तकालय के प्रोफेसर इंचार्ज डाॅ. अशोक कुमार, नोडल पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. ललन प्रसाद अद्री, नोडल पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह, एनएसएस समन्वयक डाॅ. अभय कुमार, परिसंपदा पदाधिकारी बी. पी. यादव, खेल सचिव डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।