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अखिल भारतीय दर्शन परिषद् की नई कार्यकारिणी का गठन। प्रो. शर्मा अध्यक्ष एवं प्रो. सिंह सचिव निर्वाचित।

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*अखिल भारतीय दर्शन परिषद् की नई कार्यकारिणी का गठन*

 

गत दिनों राँची विश्वविद्यालय, राँची (झारखंड) में संपन्न हुई अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के 69वें अधिवेशन की आमसभा में लिए गए निर्णय के आलोक में परिषद् की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है। इनमें अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं प्रधान संपादक के अतिरिक्त तीन-तीन उपाध्यक्ष, सहसचिव एवं संपादक बनाए गए हैं।

नवगठित कार्यकारिणी में प्रो. अम्बिका दत्त शर्मा (सागर) को अध्यक्ष एवं प्रो. किस्मत कुमार सिंह (आरा) को सचिव चुना गया है। प्रो. दिलीप चारण (अहमदाबाद), डॉ. रजनी सिन्हा (जलगांव) एवं डॉ. अजय कुमार सिंह (राँची) को उपाध्यक्ष और डॉ. जयंत उपाध्याय (वर्धा), डॉ. सुधांशु शेखर (मधेपुरा) एवं डॉ. कविता भट्ट (श्रीनगर- गढ़वाल) को सहसचिव बनाया गया है। डॉ. विजय कुमार (मुजफ्फरपुर) को कोषाध्यक्ष तथा प्रो. शैलेश कुमार सिंह (पटना) को प्रधान संपादक की जिम्मेदारी दी गई है। प्रो. श्यामल किशोर (पटना), प्रो. पूर्णेन्दु शेखर (भागलपुर) एवं प्रो. अवधेश कुमार सिंह (बेगूसराय) को संपादक बनाया गया है।

 

**अध्यक्ष प्रो. अम्बिका दत्त शर्मा का संक्षिप्त परिचय*

 

प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा (जन्म 1960) काशी की पांडित्य परम्परा और आचार्यकुल में दीक्षित दार्शनिक हैं। इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (1985) एवं पी-एच. डी. (1988) की उपाधि तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी

से बौद्ध दर्शनाचार्य (1995) की उपाधि प्राप्त की है। आप विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष,

कुलानुशासक आदि विभिन्न पदों पर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रो. शर्मा देश-विदेश में अपने गहन अध्ययन एवं शोध के लिए जाने जाते हैं। आपकी लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हैं। आप यूजीसी केयर लिस्टेड शोध पत्रिका ‘उन्मीलन’ के सम्पादक और ‘मध्य भारती’ के पूर्व प्रधान सम्पादक हैं। उन्होंने बताया कि प्रो. शर्मा को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा रिसर्च अवार्ड (2006), राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, मध्यप्रदेश द्वारा नरेश मेहता स्मृति वांग्मय सम्मान (2007), अखिल भारतीय दर्शन परिषद् द्वारा प्रणवानंद दर्शन सम्मान (2019), संस्कृति विभाग, मध्यादेश शासन में द्वारा शंकर फेलोशिप (2021 से 2023) से सम्मानित किया गया है।

*सचिव प्रो. किस्मत कुमार सिंह का संक्षिप्त परिचय*

प्रो. किस्मत कुमार सिंह वीर कुँवर सिंह विश्वविद्याल, आरा (बिहार) में स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष हैं। आप सौन्दर्य दर्शन, पर्यावरणीय सौन्दर्य दर्शन, महायान (बौद्ध दर्शन), पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन इत्यादि के विशेषज्ञ माने जाते हैं।

अपने लगभग 26 वर्षों के लंबे शैक्षणिक कैरियर में आपने लगभग एक दर्जन शोार्थियों का मार्गदर्शन किया है। आपको यूजीसी का रिसर्च अवार्ड (2004), प्रो. सोहनराज लक्ष्मी देवी तातेड शोध-पत्र पुरस्कार (2020) एवं मातृशक्ति सम्मान, आज का कर्मवीर पुरस्कार, नेशन बिल्डर अवार्ड (2021) प्राप्त है।

 

आपकी पुस्तक पर्यावणीय सौन्दर्य दर्शन (तथ्य एवं अनुशीलन) काफी चर्चित रही हैं। इसके अलावा आपकी दो संपादित पुस्तकें भी प्रकाशित हैं, जबकि तीन पुस्तकें प्रकाशनाधिन हैं। लगभग 30 शोध आलेख प्रकाशित हैं। लगभग 3 दर्जन सेमिनार, सम्मेलन एवं कार्यशाला आदि में सहभागिता एवं व्याख्यान दे चुके हैं।

आप आई.सी.पी.आर. राष्ट्रीय सेमिनार, 43 वीं वर्षिक अधिवेशन, दर्शन परिषद् बिहार के आयोजन सचिव रहे हैं। आप लंबे समय तक दर्शन परिषद् बिहार का संयुक्त सचिव तथा ‘अखिल भारतीय दर्शन परिषद्, की शोध पत्रिका ‘दार्शनिक त्रैमासिक’ के सम्पादक मंडल के सदस्य रहे हैं। आपने पांच वर्षों तक वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय (सेवा) शिक्षक संघ, आरा के महासचिव के रूप में भी कार्य किया है।

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। रामचरित मानस में राष्ट्रीय चेतना विषयक संवाद की खबरें विभिन्न समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित। मुख्य वक्ता प्रोफेसर रंजय प्रताप सिंह जी को बहुत-बहुत साधुवाद।