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Happiness  एक पग प्रसन्नता की ओर… /प्रो. इन्दू पाण्डेय खंडूड़ी आचार्य, दर्शनविभाग हे.न.ब.ग.वि.वि. श्रीनगर [गढ़वाल] उत्तराखण्ड
SRIJAN.AALEKH

Happiness एक पग प्रसन्नता की ओर… /प्रो. इन्दू पाण्डेय खंडूड़ी आचार्य, दर्शनविभाग हे.न.ब.ग.वि.वि. श्रीनगर [गढ़वाल] उत्तराखण्ड

विश्व प्रसन्नता दिवस 20 मार्च पर विशेष फिर एक पग प्रसन्नता की ओर... ***** मानव एक सामाजिक प्राणी है एवम् उसकी प्रसन्नता का मुख्य आधार उसके पारिवारिक और सामाजिक सम्बन्ध होते हैं| किसी विवशता में भी भौतिक या मानसिक अलगाव असंतोष और अप्रसन्नता का कारण बन जाता है| पिछले दो वर्षों से अधिक समय से मनुष्य कोविड के भय से अपने आप में सिमटा सामाजिक दूरी के अनुपालन में अपनों से दूर हो गया है| भय अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, लकिन अब स्वजनों से सतर्कता के साथ सम्पर्क साधकर फिर से एक कदम ख़ुशी की ओर बढाने का समय है| संभवत इसीलिए इस वर्ष वैश्विक प्रसन्नता दिवस का मुख्य विषय 'वापस प्रसन्न बनाये' है| परन्तु मूल प्रश्न यह है कि कैसे प्रसन्न रहे और प्रसन्न बनाए ? इस प्रश्न के उत्तर के लिए प्राचीन भारतीय ज्ञान सम्पदा का पुनरावलोकन समीचीन होगा| रोग व ऋण से मुक्ति के साथ पद, प्रतिष्ठा व सम्मान प्राप्ति...
Yoga। व्याधिकाल में योग : नियमों के अनुपालन का दर्शन/प्रो. इन्दु पाण्डेय खंडूड़ी, अध्यक्षा, दर्शन विभाग, हे.न.ब.गढ़वाल [केंद्रीय]वि.वि.   श्रीनगर [गढ़वाल] उत्तराखण्ड                                                                                                          
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Yoga। व्याधिकाल में योग : नियमों के अनुपालन का दर्शन/प्रो. इन्दु पाण्डेय खंडूड़ी, अध्यक्षा, दर्शन विभाग, हे.न.ब.गढ़वाल [केंद्रीय]वि.वि.  श्रीनगर [गढ़वाल] उत्तराखण्ड                                                                                                         

व्याधिकाल में योग : नियमों के अनुपालन का दर्शन आज सम्पूर्ण विश्व में कोरोनाजन्य व्याधि का कहर तेजी से प्रसारित होकर अनेक लोगों की मृत्यु का कारण बन रहा है या मृत्यु तुल्य कष्टकारी परिस्थितियों में ले जा रहा है एवं इससे बचाव के लिए अनेक उपचारात्मक प्रबंध भी किये जा रहे है| परन्तु इस महामारी से निपटने के लिए यह अत्यधिक संवेदनशील स्थिति अपेक्षित संसाधनों के समुचित प्रबन्ध के अतिरिक्त उपचारकों के संक्रमित होने की प्रबल संभावना भी भय उपजा रहा है| ऐसी दशा में सम्पूर्ण विश्व के साथ भारत भी रक्षात्मक उपाय के रूप में लॉक डाउन के अब चरणबद्ध ढंग से अनलॉक प्रक्रिया  की राह पर आगे बढ़  रहा है| ऐसी दशा में  बचाव का मार्ग हमेशा ही उपचार से श्रेष्ठ माना गया है, इसलिए सरकारी तंत्र भी बचाव के निर्देशों के प्रचार-प्रसार कर रहा है| नियम निर्देशित किये जा रहे है| परन्तु अनेक लोगों की स्थिति ऐसी है जहाँ भू...