Tag: शिक्षा

National Education-System राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था/ ललित कुमार
SRIJAN.AALEKH

National Education-System राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था/ ललित कुमार

राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था ललित कुमार Lएम. ए. (द्वितीय वर्ष), डिपार्टमेंट ऑफ आर्कियोलॉजी पटना यूनिवर्सिटी 8002039635, [email protected] मानव इतिहास के आदिकाल से शिक्षा का विविध भांति विकास एवं प्रसार होता रहा है। प्रत्येक देश अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक अस्मिता को अभिव्यक्ति देने और पनपाने के लिए और साथ ही समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी विशिष्ट शिक्षा प्रणाली विकसित करता है, लेकिन देश के इतिहास में कभी-कभी ऐसा समय आता है, जब मुद्दतों से चले आ रहे उस सिलसिले को एक नई दिशा देने की नितान्त जरूरत हो जाती है। आज वही समय है। हमारा देश आर्थिक और तकनीकी लिहाज से उस मुकाम, पर पहुंच गया है जहाँ से हम अब तक के संचित साधनों का इस्तेमाल करते हुए समाज के हर वर्ण को पफायदा पहुंचाने का प्रबल प्रयास करें। शिक्षा उस लक्ष्य तक पहुंचने का प्रमुख साधनहै। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर भारत सरका...
Ambedkar। शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर।
SRIJAN.AALEKH

Ambedkar। शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर।

शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर  डाॅ. सुधांशु शेखर अस्सिटेंट प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र विभाग, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) डाॅ. भीमराव अंबेडकर एक दर्शनशास्त्री, अर्थशास्त्री, विधिवेक्ता, राजनीतिशास्त्री, संविधान विशेषज्ञ, समाज सुधारक, जननेता, धार्मिक उपदेशक एवं शिक्षाशास्त्री के रूप में देश-दुनिया में सुप्रसिद्व हैं। देश के पहले कानून मंत्री को भारत सरकार ने 1991 में भारत रत्न की उपाधि प्रदान कर अपनी मूल सुधार की और कुछ वर्षों पूर्व कोलंबिया विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘सिम्बल आॕफ नाॅलेज’ अर्थात् ‘ज्ञान के प्रतीक’ के तौर पर मान्यता प्रदान कर अपने आपको गौरवान्वित किया है। कहना न होगा कि एक अछूत परिवार में जन्म लेने के बाद शिक्षा के सर्वोच्च शिखर तक पहुँचना आसान नहीं रहा होगा। यह डाॅ. अंबेडकर की दृढ़ इच्छा शक्ति, अदम्य साहस एवं अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि ...