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Environment। मानव-पर्यावरण में घनिष्ठ संबंध
पर्यावरण को कई भागों में बांटा गया है। इनमें प्राकृतिक पर्यावरण, जैविक पर्यावरण, सांस्कृतिक पर्यावरण आदि प्रमुख हैं। मनुष्य का इन सब के साथ घनिष्ठ संबंध है। इनके बीच पारस्परिक आत्मनिर्भरता है।
यह बात स्नातकोत्तर भूगोल विभाग, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा में असिस्टेंट प्रोफेसर फौज़िया रहमान ने कही। वे शनिवार को बीएनएमयू संवाद व्याख्यान माला में व्याख्यान दे रही थीं। इसका विषय था मानव-पर्यावरण संबंध।
उन्होंने बताया कि भूगोल विषय में आरंभ से लेकर वर्तमान तक हर स्तर पर पर्यावरण आ गया है। भौगोलिक चिंतन में मानव पर्यावरण संबंध को समझने के कई उपगम हैं। नियतिवाद उपागम, संभववाद, नव निश्चयवाद आदि। नियतितवाद प्रकृति के श्रेष्ठ मानता है और संभववाद मनुष्य को। नव निश्चयवाद बीच की स्थिति है।
उन्होंने बताया कि जब मनुष्य अपने पर्यावरण को अधिक क्षति पहुंचाता है, तो विनाशक परिस्थिति सामने आती ह...