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Kosi कुसहा त्राषदी के सबक/ डाॅ. विजय कुमार
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Kosi कुसहा त्राषदी के सबक/ डाॅ. विजय कुमार

मित्रों! आज 18 अगस्त है। आज ही के दिन कोशी में कुसहा में टूट हुआ था। कुसहा में बैराज से ऊपर कोशिका बांध टूटा था। उसी का बांध एक लंबी जद्दोजहद के बाद बना था। जिस समय इसके निर्माण का काम चल रहा था, तो तब स्थानीय स्तर पर उस समय के जो समझदार और चेतन से लोग थे, उन्होंने बीरपुर बैराज का विरोध किया था। वैज्ञानिकों के स्तर पर अभियंताओं के स्पतर र काफी बहस चली थीं। उस समय समझ बनी थीं क नदी को अगर बांध दिया जाए, तो बीरपुर पूर्वी और पश्चिमी के शुरुआती हिस्सों में हम बाढ़ की समस्या से निजात पा लेंगे। विकास के लिए सिंचाई का प्रबंध कर लेंगे। बिजली प्राप्त कर लेंगे। परंतु बाद के अनुभव आए कि खेतों में बालू भर गया दलदली हो गया।नहर जहां तक बनना था, वह भी पूरा नहीं हुआ। यानी तकनीकी भाषा में और सरकारी भाषा में बात की जाए, तो कोसी परियोजना आज भी अधूरी है। मैं भ्रष्टाचार की बात नहीं करना चाहता हूं। क्योंकि वह ...
Ambedkar। शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर।
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Ambedkar। शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर।

शिक्षा और सामाजिक न्याय : संदर्भ डाॅ. अंबेडकर  डाॅ. सुधांशु शेखर अस्सिटेंट प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र विभाग, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) डाॅ. भीमराव अंबेडकर एक दर्शनशास्त्री, अर्थशास्त्री, विधिवेक्ता, राजनीतिशास्त्री, संविधान विशेषज्ञ, समाज सुधारक, जननेता, धार्मिक उपदेशक एवं शिक्षाशास्त्री के रूप में देश-दुनिया में सुप्रसिद्व हैं। देश के पहले कानून मंत्री को भारत सरकार ने 1991 में भारत रत्न की उपाधि प्रदान कर अपनी मूल सुधार की और कुछ वर्षों पूर्व कोलंबिया विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘सिम्बल आॕफ नाॅलेज’ अर्थात् ‘ज्ञान के प्रतीक’ के तौर पर मान्यता प्रदान कर अपने आपको गौरवान्वित किया है। कहना न होगा कि एक अछूत परिवार में जन्म लेने के बाद शिक्षा के सर्वोच्च शिखर तक पहुँचना आसान नहीं रहा होगा। यह डाॅ. अंबेडकर की दृढ़ इच्छा शक्ति, अदम्य साहस एवं अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि ...