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BNMU बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर पटना स्थित गाँधी घाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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BNMU बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर पटना स्थित गाँधी घाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर पटना स्थित गाँधी घाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हुतात्माओं को भी नमन कर श्रद्धांजलि दी।
BNMU हमेशा प्रासंगिक हैं गाँधी : कुलपति।
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BNMU हमेशा प्रासंगिक हैं गाँधी : कुलपति।

*हमेशा प्रासंगिक हैं गाँधी : कुलपति*   महात्मा गाँधी सत्य एवं अहिंसा के पुजारी थे।‌ उन्होंने हमें एक बेहतर दुनिया बनाने का रास्ता दिखाया है। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हम दुनिया को महाविनाश से बचा सकते हैं। उनके विचार हमेशा के लिए प्रासंगिक हैं।   यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कही। वे मंगलवार को प्रशासनिक परिसर अवस्थित गाँधी प्रतिमा स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन गाँधी के 77वें शहादत दिवस के अवसर पर किया गया।   कुलपति ने कहा कि गाँधी युगदृष्टा थे। उन्होंने समाज, राजनीति, धर्म, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण सभी आयामों पर विचार किया है। उनके जीवन-दर्शन में जीवन एवं जगत की सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है।   कुलपति ने कहा कि मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 02 अक्तूबर 1869ई. को पोरबंदर (गुज...
BNMU गाँधी शहादत दिवस पर होगी श्रद्धांजलि सभा।
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BNMU गाँधी शहादत दिवस पर होगी श्रद्धांजलि सभा।

गाँधी शहादत दिवस पर होगी श्रद्धांजलि सभा  ---- बीएनएमयू, मधेपुरा में गाँधी शहादत दिवस के अवसर पर 30 जनवरी, 2021 (मंगलवार) को पूर्वाह्न 11 : 00 बजे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। प्रशासनिक परिसर अवस्थित महात्मा गाँधी की प्रतिमा स्थल पर आयोजित इस सभा की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बी. एस. झा करेंगे। यह जानकारी उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने दी।‌...
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Gandhi गांधी को नमन

*गाँधी ...* ========= मेरे नाना जी श्री राम नारायण सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे और वे हमेशा हमें महात्मा गाँधी की कोई न कोई बात बताते रहते थे। उन्हीं के माध्यम से मेरी गाँधी के बारे में प्रारंभिक धारणाएँ बनीं। फिर स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'पूज्य बापू अमर रहे' का नारा लगाते हुए हमने यह महसूस किया कि आजादी में गाँधी का सबसे अधिक योगदान है या उस समय की समझ से कहें, तो आजादी गाँधी की ही देन है। बाद में गाँधी के बारे में और भी बहुत-बहुत कुछ पढ़ा। यह भी जाना कि आजादी सिर्फ गाँधी की देन नहीं है, इसमें अनगिनत ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों ने योगदान दिया है और गाँधी भी उनमें से एक प्रमुख नाम हैं। गाँधी के बारे में प्रचलित कई दुष्प्रचार भी मेरे कानों तक आए और उनका सहज निराकरण भी संभव हो सका। गाँधी की पुस्तक 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग अथवा आत्मकथा' और ...
Gandhi। महात्मा गांधी का स्वास्थ्य चिंतन
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Gandhi। महात्मा गांधी का स्वास्थ्य चिंतन

स्वास्थ्य शरीर, मन और आत्मा की सामंजस्यपूर्ण स्थिति है। इस स्थिति में व्यक्ति सभी प्रकार की रूग्नताओं से मुक्त होता है और उसके सभी अंग-प्रत्यंग सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित ढंग से कार्य करते हैं। दूसरे शब्दों में, यह वह आदर्श स्थिति है, जिसमें शरीर स्फूर्तिवान, मन प्रसन्न एवं आत्मा मुदितापूर्ण होती है और दसों इंद्रियाँ (पाँच कर्मेंद्रियाँ, यथा- हाथ, पाँव, मुँह, जननेंद्रिय एवं गुदा और पाँच ज्ञानेंद्रियाँ, यथादृ आँख, नाक, कान, जिह्ना एवं त्वचा) और मन (ग्यारहवीं इंद्रिय) का कार्य-व्यवहार संपूर्ण (सम्यक्) रूप से चलता है।1 स्वस्थ शरीर का अर्थ मोटा-तगड़ा शरीर नहीं है, अर्थात् इसमें पहलवानों या अतिशय दौड़ने-कूदने वालों का समावेश नहीं है। वरन्, इसका आशय व्याधिरहित शरीर से है, अर्थात् वैसा शरीर जो सामान्य काम कर सके। दूसरे शब्दों में, "जो मनुष्य बगैर थकान के रोज दस-बारह मील चल सकता है, जो बगैर थकान के स...
Gandhi। मजबूती का नाम महात्मा गांधी/ स्वयं प्रकाश, संपादक, जी न्यूज बिहार-झारखंड
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Gandhi। मजबूती का नाम महात्मा गांधी/ स्वयं प्रकाश, संपादक, जी न्यूज बिहार-झारखंड

मजबूती का नाम महात्मा गांधी स्वयं प्रकाश, संपादक, जी न्यूज बिहार-झारखंड ‘मैं कई महीनों से सामाजिक सुधार की जिस पद्धति की तलाश में था, वह मुझे प्रेम और अहिंसा पर गांधीवादी दर्शन में मिली। मुझे लगा कि दलितों के लिए उनके मुक्ति संघर्ष का तरीका नैतिक और व्यावहारिक दृष्टि से ठीक है। - मार्टिन लूथर किंग (‘स्ट्राइड्स टुवर्डस फ्रीडम पुस्तक में) ‘यह कौन दुस्साहसी है, यह कौन योद्धा है। जो अपने प्यार से, अपनी नि:सीम सद्भावना से। अपने सत्य से, संसार के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्य को चुनौती दे रहा है।– अंग्रेज कवि ब्रेल्सफोर्ड ( ‘ए हिस्टोरिक मार्च पुस्तक में) ‘घने जंगल में थका हारा सिपाही, हताश सो गया। उसके सपने को कृतार्थ किया एक महात्मा ने, एक गुरुदेव ने। एक ने मुस्कराते हुए अग्निपथ पर चलने की प्रेरणा दी। एक ने अमृतवाणी से मूर्छित चेतना को झकझोर दिया। मेरा नमन लो महात्मा.’ - कवि नक्रुमा ...