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BNMU। पीड़ित मानवता के अमर कथा-शिल्पी : शरतचंद्र
SRIJAN.AALEKH

BNMU। पीड़ित मानवता के अमर कथा-शिल्पी : शरतचंद्र

पीड़ित मानवता के अमर कथा-शिल्पी : शरतचंद्र आज 15 सितंबर है, अर्थात् भारत के अमर कथाकार, नारी वेदना के सहभोक्ता और कथात्मक नियोक्ता शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की 144वीं जन्म-तिथि। 30 उपन्यासों, दर्जनों कहानियों, सवा दर्जन निबंधों, 3 नाटकों, डायरी तथा सैकड़ों साहित्यिक- असाहित्यिक पत्रों का लेखक शरत। भागलपुर का नाती और भागिनेय। विष्णु प्रभाकर के लिए, 'आवारा मसीहा'। रवीन्द्रनाथ के अनुसार, 'मृत्यु के शासन से परे लोकप्रेम के अमर आसन पर अधिष्ठित'। रोम्याँ रोला के शब्दों में, 'विश्व के श्रेष्ठ कथाकार'। बचपन घोर गरीबी में बीता, जवानी यायावरी में, प्रौढ़ावस्था ख्याति और खुशहाली की खुमारी में, दानी इतना बड़ा कि कर्ण और विक्रमादित्य भी ठिठक जाएँ, स्थितप्रज्ञ ऐसे कि न आलोचना से तिलमिलाये, न ही प्रशंसा से प्रफुल्लित हुए। शरत दा ने सब पर प्यार ही लुटाया- परिवार पर, दोस्तों पर, पशु-पक्षियों पर, पेड़-पौधों...