NMM डिजिटलाइज्ड सामग्रियों का उपयोग जरूरी : डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह
*डिजिटलाइज्ड सामग्रियों का उपयोग जरूरी : डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह* भारत में करीब एक करोड़ पांडुलिपियां हैं। इनमें 43.90 लाख को सूचीबद्ध किया जा चुका
*डिजिटलाइज्ड सामग्रियों का उपयोग जरूरी : डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह* भारत में करीब एक करोड़ पांडुलिपियां हैं। इनमें 43.90 लाख को सूचीबद्ध किया जा चुका
*पांडुलिप के क्षेत्र में निरंतर अभ्यास जरूरी: डॉ. उत्तम सिंह* पांडुलिपियों के संग्रहण के साथ-साथ उसका संपादन एवं प्रकाशन भी जरूरी है। यह सभी कार्य
*बौद्ध धर्म को जानने-समझने में है पालि की पांडुलिपियों का काफी महत्व : डॉ. अरुण कुमार यादव* पालि ब्राह्मी परिवार की एक प्रमुख लिपि है।
*पांडुलिपियों का संग्रह ही काफी नहीं है, बल्कि उसका संपादन एवं प्रकाशन भी जरूरी है : डॉ. अरुण कुमार यादव* पांडुलिपियों का संग्रह अपने आपमें
अत्यावश्यक सूचना ———— आप सबों की सेवा में कुछ पुस्तकों का विवरण प्रस्तुत है। आप चाहें, तो आमंत्रित मूल्य पर उसे प्राप्त कर सकते हैं।
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विलम्ब से चल रहे शैक्षणिक सत्रों को नियमित करने, छात्र
*अनछुए हैं इतिहास के कई पन्ने : डॉ. रेणु सिंह* पांडुलिपियों में हमारी सभ्यता -संस्कृति, साहित्य, दर्शन एवं इतिहास की बातें भरी पड़ी हैं। लेकिन
*स्टडी सर्किल योजनान्तर्गत गीता-दर्शन विषयक संवाद आयोजित —–++ दर्शनशास्त्र विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) के तत्वावधान में आयोजित गीता-दर्शन विषयक संवाद का आयोजन
*नागरी लिपि मेंसं युक्ताक्षरों का काफी महत्व : डॉ. उत्तम सिंह* *यदि सर्वे हो, तो एक करोड़ तक पहुंच सकती है नागरी लिपि में पांडुलिपियों
*गीता-दर्शन पर संवाद आज* दर्शनशास्त्र विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) के तत्वावधान में 31 मई, 2022 (मंगलवार) को गीता-दर्शन विषयक संवाद का आयोजन
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