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Sehat Samvad स्वास्थ्य को संपूर्णता में देखने की जरूरत : डॉ. विनीत भार्गव

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स्वास्थ्य को संपूर्णता में देखने की जरूरत : डॉ. विनीत भार्गव

स्वास्थ्य को अंग्रेजी में ‘हेल्थ’ कहते हैं। ‘हेल्थ’ शब्द की उत्पत्ति ‘होल’ से हुई है, जो संपूर्णता का द्योतक है। अतः स्वास्थ्य को संपूर्णता में लेने की जरूरत है और इसमें ध्यान-योग की महती भूमिका है।

यह बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के पूर्व पीआई डाॅ. विनीत भार्गव ने कही।

वे सोमवार को ध्यान-योग और सेहत विषयक सेहत संवाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता थे। यह आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में संचालित सेहत केंद्र के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने सबों को सलाह दिया कि प्रतिदिन ध्यान-योग का अभ्यास करें। उन्होंने कहा कि योग सेहत को संपूर्णता में लेता है और इसकी व्याख्या मूलतत्व से जोड़कर करता है। योग के माध्यम से हम अपने एनर्जी सिस्टम की जड़ों से जुड़ते हैं। इससे हमारी ऊर्जा सक्रिय होती है और हमारा शरीर एवं मन अपनी पूरी क्षमता के साथ क्रियाशील हो जाता है।

उन्होंने कहा कि लगभग 70 फीसदी बीमारियाँ हमारे अंदर से प्रकट होती हैं। इन बीमारियों की मूल वजह हमेशा अपने भीतर मौजूद होती है। अगर हम अपने आंतरिक तंत्र को संतुलित एवं सक्रिय करने के लिए ध्यान-योग करें, तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि योग अपने भीतरी क्षेत्र की खोज है। इससे हम अपने सृजन के स्रोत को पहचानते हैं। योग का मतलब भी यही है- मूल के पास वापस जाना।

उन्होंने योग के कई लाभ गिनाए। शरीर को स्फूतिवान एवं तेजस्वी बनाता है और
एकाग्रता बढ़ाता है। योग से मांसपेशियाँ मजबूत एवं लचीली होती हैं। इससे आंतरिक अंगों को मजबूत बनता है और पाचन तंत्र को बेहतर होता है। योग अस्थमा, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा आदि को दूर करता है। इससे चिंता, तनाव और अवसाद पर काबू पाने में मदद मिलती है।

पब्लिक हेल्थ एम्पावरमेंट एंड रिसर्च आर्गेनाईजेशन के सीनियर साइंटिस्ट जिज्ञासा शर्मा ने ध्यान-योगा और सेहत के बीच के संबंधों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग के पीछे कई प्रकृति शक्तियाँ जुड़ी हुई हैं। हम नियमित रूप से ध्यान-योग के माध्यम से अपने शरीर को हमेशा फिट रख सकते हैं।

उन्होंने योग करने के विभिन्न तरीकों को भी विस्तार से बताया।उन्होंने कहा कि यदि हम ठीक ढंग से सांस लें, तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। हमें लंबी एवं गहरी सांस लेनी चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिज्ञासा शर्मा ने कहा कि योग मनुष्य को ईश्वर से जोड़ता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने किया। अतिथियों का स्वागत सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा के डॉ. संजय कुमार परमार ने किया। संचालन शोधार्थी सारंग तनय तथा धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर (इतिहास) डाॅ. स्वर्ण मणि ने किया। इस अवसर प्रांगण रंगमंच की तीन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। मधुबाला भारती के स्वागत गीत कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उन्होंने आगामी मां दुर्गा पूजा पर एक सुंदर प्रार्थना गीत गाकर फेस्टिवल माहौल बना दी। आरती आनंद ने भी एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। अंत में तनुजा कुमारी ने सुमधुर संगीत की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया।

इस अवसर पर लायंस क्लब के अध्यक्ष डा. दिलीप सिंह, के. पी. काॅलेज, मुरलीगंज के डाॅ. अमरेन्द्र कुमार, काउंसिल मेम्बर द्वय माधव कुमार एवं बिट्टू कुमार, शोधार्थी द्वय सौरभ कुमार चौहान एवं लक्ष्मण कुमार, छात्र नेता आनंद कुमार भूषण, डॉ. राजीव रंजन, जूही राज, सोनू कुमार, गौरब कुमार सिंह, विकास कुमार, स्वाति कुमारी, भगत यादव, आलोक कुमार, हिमांशु राज, परमेस कुमार, रोशन कुमार रमन, दीपमाला कुमारी वीणा, अभिषेक आनंद, बिपिन दुबे, डॉ. सागर, जयराम ठाकुर, जयश्री कुमारी, मुस्कान सिंह, प्रिंस कुमार, पवन, पूजा कुमारी, रेणु कुमारी, रेणुका रंजना, शशिभूषण, श्याम शर्मा, अनुश्री, मिथिलेश, नीरज कुमार, राजू मिश्रा, प्रतिभा झा, प्रिंस कुमार सिंह, आशीष आनंद, श्वेता, दिव्य ज्योति, रामानुज रवि, ज्योतिष कुमार, नीतू कुमारी, धीरज कुमार, रोशन यादव आदि उपस्थित थे।

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।