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Sehat Samvad स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं : विनीत भार्गव

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स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं : विनीत भार्गव

सेहत केवल बीमारियों के अभाव की अवस्था नहीं है। यह एक आदर्श अवस्था है, जिसमें मनुष्य अपनी समग्र क्षमताओं का समुचित उपयोग कर सकें। इसमें न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक पहलू भी समाहित है।

यह बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के पूर्व मुख्य परियोजना निदेशक डाॅ. विनीत भार्गव ने कही। वे गुरुवार को जन-स्वास्थ्य : मुद्दे एवं चुनौतियां विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के सेहत केंद्र एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने कहा कि मनुष्य जैविक जगत का हिस्सा है। जगत में जो कुछ हमसे जुड़ा है, वह सब हमारे स्वास्थ्य का कारक और निर्धारक हो सकता है। इसलिए सेहत के सामाजिक एवं आध्यात्मिक पहलू भी हैं।

उन्होंने कहा कि सेहत के लिए अच्छा खान-पान तथा शरीर एवं आस-पास की स्वच्छता जरूरी है। साथ ही हमारा सकारात्मक सोच, प्रेमपूर्ण पारिवारिक संबंध, समाजिक सरोकार और बेहतर वातावरण भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय परंपरा में हमेशा बचाव को इलाज से बेहतर माना गया है। लेकिन आज उल्टा हो गया है। हमारे सभी स्वास्थ्य संबंधी खोजें ट्रीटमेंट पर अधिक और बचाव पर कम केंद्रित हैं। आज डाक्टर उपचार यानी कि ट्रीटमेंट पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। इसके पीछे पूंजी और लाभ का बड़ा खेल है।

उन्होंने कहा कि आज आम लोगों को धीरे-धीरे यह स्वीकार करवा दिया गया है कि स्वास्थ्य उनका विषय नहीं है। यह तो केवल चिकित्सकों व चिकित्सा से जुड़े लोगों का विषय है।

उन्होंने कहा कि हमारा शरीर कुदरती तौर पर इतना स्मार्ट है कि वह किसी भी तरह की गड़बड़ी के पहले ही संकेत दे देता है। लेकिन हम इसलिए अब हम अपने शरीर के विलक्षण गुणों को भी भूलते जा रहे हैं। हम शरीर के संकेतों के प्रति उदासीन हो चुके हैं। हम उन संकेतों को हमेशा इग्नोर करते हैं। हमारे शारीरिक संकेतों की ओर हमारा ध्यान तब जाता है, जब हम बीमार पड़ते हैं। डाक्टर भी आपके शरीर के इन्हीं संकेतों के आधार पर आपका इलाज़ करता है, जो संकेत आपका शरीर आपको पहले ही दे चुका होता है। यह दुखद है कि हम खुद अपने संकेतों को नहीं समझते हैं।

उन्होंने सबों से अपील की कि वे यह प्रतिज्ञा करें कि सेहत सर्वप्रथम उनका अपन विषय है। सभी अपने सेहत के लिए समय निकालेंगे। हम सही खान-पान, उचित व्यायाम, पर्याप्त नींद और घर का बना ताज़ा भोजन हमारे सेहत के लिए लाभदायक है। जंकफूड, नशा, तनाव आदि सेहत के लिए नुकसानदायक है। हम सेहत के सामान्य सूत्रों को अपनाकर दीर्घायु जीवन का आनंद ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि युवावस्था में भरपूर जोश होता है और होश की कमी होती है। यहीं आपसे चूक हो जाती है। आप या तो किसी प्रकार के नशे में या गलत संगति में या उत्सुकतावश यौनाचार में प्रवेश कर जाते हैं। इससे युवाओं में एचआईवी जैसी संक्रामक बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। गलत जीवनशैली व उससे पैदा होने वाली निराशा से युवा और भी कई मानसिक एवं शारीरिक बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के. पी. कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि युवा ही देश के भविष्य हैं और उन्हीं के ऊपर देश के नवनिर्माण की जिम्मेदारी है। युवा स्वस्थ होंगे, तो हमारा परिवार, समाज एवं राष्ट्र स्वस्थ होगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के तत्वावधान में महाविद्यालय में सेहत केंद्र की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य युवाओं को स्वास्थ्य दूत के रूप में तैयार करना और उनकी उर्जा सकारात्मक दिशा देना है। युवाओं के दम पर ही हम एक स्वस्थ, सबल एवं समृद्ध नए भारत का निर्माण कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एनएसएस हमें एक जिम्मेदार मनुष्य बनाता है। यह जिम्मेदारी अपने प्रति से भी संबंधित है और परिवार, समाज एवं राष्ट्र तथा संपूर्ण विश्व से भी संबंधित है। इसका दायरा न केवल सभी मनुष्यों बल्कि मनुष्येतर प्राणियों तथा संपूर्ण चराचर जगत तक फैला है। हमें सभी मनुष्यों, जीव-जंतु एवं प्रकृति-पर्यावरण सबों के प्रति अपनी संवेदना बनाए रखनी है।

उन्होंने कहा कि एनएसएस का सूत्र वाक्य ‘मैं नहीं, आप है।’ इससे प्रेरणा लेकर हम अपने परिवार, समाज एवं राष्ट्र के लिए कार्य करें। मानव-निर्माण एवं राष्ट्र-निर्माण में योगदान दें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद ने किया। उन्होंने कहा कि पहले लोग सेवाभाव से चिकित्सा के पेश में आते थे। लेकिन आज इस पेशे में नैतिक मूल्यों का ह्रास हो गया है। धन्यवाद ज्ञापन एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डू कुमार ने की।

इस अवसर पर शिक्षाशास्त्र विभाग के डॉ. कुन्दन कुमार सिंह, नदीम अहमद अंसारी, कुंजन लाल पटेल, डॉ. अशोक कुमार अकेला, विवेकानन्द, बीबीए विभाग के मो. अब्दुर रहमान, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रणव कुमार प्रियदर्शी, आकृति रंजन, नेहा भारती, पूजा, अंजली, भारती, नीतु, अटल, कृष्णदेव, सोनू, बिक्रम, रुकसाना आदि उपस्थित थे।

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षष्ठम् दीक्षांत समारोह (6th Convocation) दिनांक- 19.02.2025 में सहभागिता हेतु डिग्री/उपाधि प्राप्तकर्ताओं को (जिनके द्वारा विहित प्रपत्र में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन समर्पित किया गया है) को विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे मालवीय पगड़ी, लाल बॉर्डर वाला पीला अंगवस्त्रम् एवं Entry Pass (Food Coupon सहित) के वितरण

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