एस. आर. भट्ट के निधन पर शोक
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प्रख्यात दार्शनिक एवं संस्कृतिविद् प्रोफेसर सिद्धेश्वर रामेश्वर भट्ट (एस. आर. भट्ट) का शनिवार को नई दिल्ली में निधन हो गया।वे दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के दर्शनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष तथा यूजीसी विशेष सहायता कार्यक्रम के समन्वयक और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (आईसीपीआर), नई दिल्ली के अध्यक्ष रहे थे। उनके निधन पर बीएनएमयू के शिक्षकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
पूर्व कुलपति प्रो. ज्ञानंजय द्विवेदी ने बताया कि प्रो. भट्ट एशियन फिलॉस्फी कांग्रेस एवं इंडियन फिलॉस्फिकल कांग्रेस के अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के सामान्य अध्यक्ष रहे थे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राचीन भारतीय संस्कृति, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और वेदांत के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत, चीन, श्रीलंका जापान, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, तुर्की, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका और त्रिनिदाद के कई विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में व्याख्यान दिया है। उनकी 21 से अधिक पुस्तकें लिखी या संपादित की हैं और उनके नाम 200 से अधिक प्रकाशित शोध पत्र हैं।
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में कई बार प्रो. भट्ट का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। उनकी सहजता, सरलता एवं मृदुलता लोगों को उनकी ओर आकर्षित करती थीं और वैचारिक प्रौढ़ता अपना एक विशिष्ट प्रभाव छोड़ती थीं।
डॉ. शेखर ने बताया कि जब प्रो. भट्ट आईसीपीआर के अध्यक्ष थे, तो उस कालखंड (2016-2019) में भी बीएनएमयू को दो-तीन कार्यक्रमों के लिए अनुदान मिला था। एक बार उन्हें प्रो. भट्ट के साथ 19 जुलाई, 2021 को एक ऑनलाइन कार्यक्रम में भी वक्ता के रूप में भाग लेने का अवसर मिला था।