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NSS दिनांक 12 जनवरी को 27 वें राष्ट्रीय युवा उत्सव-2024 के उदघाटन समारोह के सीधा प्रसारण को सभी महाविद्यालयों/विद्यालयों में देखने की व्यवस्था करने तथा राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना अन्तर्गत विभिन्न कार्यकम आयोजित करने के संबंध में।

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राष्ट्रीय सेवा योजना सभी विश्वविद्यालय / संस्थान, बिहार एवं झारखंड एवं भारत सरकार, युवा कार्यकम एवं खेल मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त पत्र संख्या L-11034/1/2023-NSS, दिनांक 02-01-2024 तथा इस कार्यालय के समसंख्यक पत्रांक दिनांक 02-01-2024 के आलोक में कहना है कि प्रति वर्ष दिनांक 12 से 16 जनवरी, 2024 तक राष्ट्रीय युवा उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय युवा उत्सव-2024 का आयोजन Nashik, (Maharashtra) में किया जा रहा है जिसका उदघाटन समारोह दिनाँक 12 जनवरी, 2024 को आयोजित किया जायेगा । राष्ट्रीय युवा उत्सव-2024 के उदघाटन समारोह के सीधा प्रसारण को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों तथा अन्य छात्रों को देखने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयों के अन्तर्गत सभी महाविद्यालयों/विद्यालयों में प्रसारित करने हेतु उचित व्यवस्था करने के संबंध में मंत्रालय द्वारा निर्देशित किया गया है।

अतः आपसे अनुरोध है कि अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी इकाईयों के कार्यकम पदाधिकारी तथा प्राचार्यों को आवश्यक रुप से निदेशित करें कि वे राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयों के अन्तर्गत सभी महाविद्यालयों/ विद्यालयों में दिनाँक 12 जनवरी, 2024 को राष्ट्रीय युवा उत्सव-2024 के उदघाटन समारोह के सीधा प्रसारण को अधिक से अधिक संख्या में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयसेवक, पदाधिकारी तथा अन्य छात्रों के लिए देखने की व्यवस्था करें। मंत्रालय द्वारा इससे संबंधित लिंक प्राप्त होते हीं उसे अतिशीघ्र प्रेषित किया जायेगा ।

आपको यह भी अवगत कराना कि प्रति वर्ष दिनांक 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती के अवसर पर पूरे देश में राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है। अतः इस अवसर पर अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी इकाईयों को यह भी निर्देशित करने का कष्ट करें कि वे दिनॉक 12-01-2024 को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर, पौधारोपण, जागरुकता रैली, पोस्टर पेन्टिंग, क्विज, भाषण प्रतियोगिता, सेमिनार इत्यादि कार्यकमों में से चयन कर कार्यक्रम का आयोजन करना सुनिश्चित करें तथा कार्यकम से संबंधित फोटो को My Bharat Portal पर आवश्यक रुप से Upload करें एवं इस कार्यालय के ईमेल व Whatsapp Group पर भी प्रेषित करने का कष्ट करें ।

भवदीय                                                (गिरधर उपाध्याय) क्षेत्रीय निदेशक

https://bnmusamvad.com/wp-content/uploads/2024/01/pdfrendition1.pdf

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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