याद किए गए डॉ. अंबेडकर
भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम दुनिया के सर्वकालिक महान लोगों में सुमार है। वे एक अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, धर्मशास्त्री एवं दार्शनिकों के साथ-साथ एक समाज-सुधारक, राजनेता, कानूनविद एवं संविधान-विशेषज्ञ भी थे। हम उनके विचारों एवं कार्यों को अपने जीवन में उतारें, यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

यह बात डीएसडब्ल्यू प्रो. अशोक कुमार ने कही। वे शनिवार को डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं शिक्षाशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने एक सबल, सक्षम एवं नया भारत का सपना देखा था और इसके लिए हमें शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का मंत्र दिया था। इसी मंत्र को आधार बनाकर हम वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बना सकेंगे।

विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने बताया कि डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू (मध्य प्रदेश) में महार जाति में हुआ था। उन्हें बचपन में सामाजिक बहिष्कार और अपमान का सामना करने के उनके अनुभव ने उनमें जाति व्यवस्था के अन्याय के खिलाफ लड़ने का गहरा संकल्प पैदा कर दिया।

उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने आभावों से लड़कर अपने लिए रास्ता बनाया। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क तथा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त कीं और भारत के प्रथम कानून मंत्री बनने का गौरव हासिल किया।
प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. सी. पी. सिंह ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत में सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्ष किया। उन्होंने मूकनायक, बहिष्कृत भारत एवं जनता जैसी पत्रिकाएँ भी निकालीं।
उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर हिंदू धर्म की बुराइयों को दूर करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म को अपनाया। लेकिन उन्होंने किसी विदेशी धर्म को नहीं अपनाया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा डॉ. अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। अतिथियों को पौधा भेंटकर सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण एम. एड. विभागाध्यक्ष डॉ. एस. पी. सिंह ने किया।संचालन बी. एड. विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार और धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने किया।
इस अवसर पर डॉ. फिरोज मंसूरी, डॉ. चंद्रधारी यादव, डॉ. माधुरी कुमारी, डॉ. शैलेश यादव, डॉ. राम सिंह यादव, डॉ. वीर बहादुर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में अनुभवी कुमारी, सुषमा कुमारी सृष्टि कुमारी ममता कुमारी, पिंकी कुमारी, महिमा कुमारी, मौसम कुमारी, नीतू कुमारी, मनीषा कुमारी, प्रियंका कुमारी, नेहा कुमारी, सोनी कुमारी, शिवानी प्रिया, सौम्या कुमारी, प्रियांशु कुमारी, अंशु रानी, बलराम कुमार, गौरव कुमार, देवराज, स्वीटी कुमारी, नेहा कुमारी, सोनू कुमार, राजेश कुमार, ऋतुराज सिंह, मनीष कुमार, सौरभ कुमार, सोनू कुमार, सुबोध कुमार, रुपेश कुमार, प्रेम कुमार सिंह, पिंकू प्रिंस, पुष्पेंद्र कुमार, ललन कुमार मंडल, राहुल कुमार, रोशन, विक्रम कुमार, मौसम कुमार, यशवंत कुमार, दीपक कुमार आदि उपस्थित थे।















