BNMU भूपेन्द्र नारायण मंडल शोध पीठ की स्थापना हो एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल रिसर्च फेलोशिप शुरू किया जाए, तभी भूपेन्द्र बाबू का सपना साकार हो पायेगा। 

भूपेन्द्र नारायण मंडल शोध पीठ की स्थापना हो एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल रिसर्च फेलोशिप शुरू किया जाए, तभी भूपेन्द्र बाबू का सपना साकार हो पायेगा।   ——————————————————————–

छात्र नेता सह समाजिक कार्यकर्ता श्री पिन्टु यादव ने महान समाजवादी नेता भूपेंद्र नारायण मंडल जी के जन्मोत्सव के पूर्व संध्या पर प्रेम विज्ञप्ति जारी कर कहां है कि भूपेंद्र बाबू महान समाजवादी नेता के साथ-साथ शिक्षाविद थे, उस समाज सुधारक की स्मृति में स्थापित इस भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में भूपेंद्र बाबू के कार्य और जीवन पर अनुसंधान करने के लिये एक शोधपीठ की स्थापना होनी चाहिए। साथ ही भूपेंद्र बाबू की नाम पर रिसर्च फेलोशिप शुरू किया जाय। किसी व्यक्ति विशेष के सामाजिक, शैक्षणिक एवं शोधपरक योगदान को देखते हुए, उनके जीवन एवं कार्य को समाज के सामने लाने के लिये तथा उनके कार्यों का महत्त्व और उपयोगिता को समझाने के लिये, उनके नाम पर शोधपीठ स्थापित करने की परम्परा है। विश्वविद्यालयों में शोधपीठ की स्थापना जहाँ व्यक्ति के कार्य और महत्त्व का मूल्यांकन के लिये की जाती है, वहीं किसी भी विभाग में अध्ययन के लिये किसी व्यक्ति विशेष के नाम से भी पीठ की स्थापना की जाती है। इसी प्रकार कोई व्यक्ति अपने या किसी के नाम से विशेष अध्ययन के लिये शोधपीठ की स्थापना कराते हैं, जैसे ऑक्सफोर्ड में वोडन चेयर है, जिस पर रहकर मैक्समूलर ने वेद भाष्य के अंग्रेजी अनुवाद का कार्य किया। भूपेंद्र बाबू का समाज- सुधार, देश, संस्कृति, इतिहास, शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है। उनके विचारों और कार्यों से देश का गौरव बढ़ा है। समाज की विषमताओं पर चोट पहुँची है। इस देश के निवासियों में स्वाभिमान और देश के प्रति गौरव का भाव बढ़ा है।

 

श्री पिन्टु यादव ने कहा कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों की बढ़ती फीस के चलते अकसर स्टूडेंट्स उतना नहीं पढ़ पाते जितना वे पढ़ना चाहते हैं। खास कर हमारे देश में पीएचडी तक पहुँचने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम होती है। ऐसे छात्रों की सहायता करने के लिए भूपेन्द्र नारायण मंडल रिसर्च फेलोशिप योजना शुरू की सुरुआत करनी चाहिए। भूपेन्द्र नारायण मंडल फेलोशिप रिसर्च योजना के माध्यम से कोशी जैसे पिछड़े इलाके के साथ साथ देश भर के हजारों छात्रों को चुन कर उन्हें मुफ्त में पीएचडी करने का मौका मुहैया किया जा सकता है। इसके अलावा ऐसे छात्रों को हर महीने सरकार की तरफ से कुछ आर्थिक मदद भी दी चाहिए। इससे गरीब,वंचित छात्रों को लाभ मिलेगा। हमारे देश में हर छात्र के अभिभावक इतने पैसे वाले नहीं हैं कि अपने बच्चों की पीएचडी तक का खर्च उठा सकें। इसी के चलते बच्चे उच्च शिक्षा हासिल करने से महरूम रह जाते हैं। देश के होनहार बच्चों पैसे की कमी की वजह से पढ़ाई अधूरी न छोड़ने देने के लिए यह योजना शुरू की शुरुआत करनी चाहिए। हजारों छात्रों को हर साल इस योजना से फायदा मिलेगा। साथ ही देश के बड़े कॉलजों को अच्छे शिक्षक भी मिलेंगे। एक और बात कहना चाहूंगा कि स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को भूपेंद्र नारायण मंडल स्काॅलरशिप प्रदान की जाए, जिससे छात्रों को पढ़ने में ललक जगेगा। इस विषय पर भी विचार करना चाहिए।

 

श्री यादव ने कहा है कि किसी भी विश्ववद्यालय का पूंजी होता है शोध कार्य। आज विज्ञान बिहार में सिर्फ़ काग़ज़ों पर सिमटा हुआ है। हमारे बिहार के सभी विश्वविधयालयो में रिसर्च बंद है। सिर्फ़ खानापूर्ति की जा रही है। अगर बिहार को विज्ञान के क्षेत्र में आगे ले जाना है तो विश्वविधायलयों में रीसर्च को बढ़ावा देना होगा। यदि मंडल विश्वविद्यालय में भूपेन्द्र बाबू की नाम पर, भूपेन्द्र नारायण मंडल शोध पीठ की स्थापना हो जाय एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल रिसर्च फेलोशिप शुरू किया जाता है तो ,विश्वविद्यालय को उंचाई मिलेगी तथा महान समाजवादी भूपेन्द्र बाबू के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी, यानि भूपेन्द्र बाबू की सपने साकार हो पायेगी।बीएनएमयू के कुलपति प्रति कुलपति, कुलसचिव एवं बीएन मंडल विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, कर्मचारी, सभी छात्र संगठन के छात्र नेता, यहाँ के बुद्धिजीवीयों से आग्रह करूँगा इस मुद्दे पर विचार किया जाय। देश के महान विभूतियों के नाम पर शोध पीठ से छात्र शोध के साथ इन विभूतियों के भी जानेंगे। इनसे प्रेरणा लेकर जन सरोकारों से जुड़े शोध कार्य करेंगे। भूपेंद्र नारायण मंडल शोध पीठ की स्थापना एवं भूपेंद्र नारायण मंडल रिसर्च फेलोशिप शुरूआत होने से विश्वविद्यालय को उंचाई देगी तथा महान समाजवादी भूपेन्द्र बाबू के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।

श्री पिन्टु यादव ने कहा कि भूपेंद्र नारायण मंडल समाजवाद के सबसे अग्रर्णी थे। शोधपीठ और फेलोशिप शुरू करवाई जाए। समाजहित में बेहद जरूरी है। यह विवि कोसी और सीमांचल में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। इसका कार्यक्षेत्र कोसी प्रमंडल (मधेपुरा, सहरसा व सुपौल) में फैला है। विश्वविद्यालय में भूपेंद्र नारायण मंडल के नाम पर एक शोधपीठ की स्थापना की जाए। विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को विश्वविद्यालय स्तर से प्रत्येक माह फेलोशिप की एक नियत राशि प्रदान करने के लिए राज्य सरकार से विश्वविद्यालय को फंड उपलब्ध कराया जाए। शोध पीठ शुरू होने से भूपेन्द्र बाबू के विचारों और सिद्धांतों गांव-गांव तक पहुंचेगा। शोध पीठ शुरू होने से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी लोग जागरूक होगा। भूपेन्द्र बाबू के विचारों व सिद्धांतों को धरातल पर उतारना शोध पीठ का उद्देश्य होना चाहिए। मंडल जी के विकास की संकल्पना में समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति केन्द्र में रहा है।

श्री पिन्टु यादव, छात्र नेता भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा बिहार।