SUBSCRIBE NOW

FOLLOW US

Search
Close this search box.

BNMU समग्र विकास के लिए एकजुट हों : कुलपति

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

समग्र विकास के लिए एकजुट हों : कुलपति

मधेपुरा सामाजिक न्याय की धरती है और उनका यह सौभाग्य है कि उन्हें यहां महान समाजवादी विचारक भूपेंद्र नारायण मंडल के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय की सेवा का अवसर मिला। वे यहां सेवाभाव से कार्य करेंगे और सरकार एवं समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. विमलेन्दु शेखर झा ने कही। वे कुलपति कार्यालय में योगदानोपरांत प्रेस-मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

कुलपति ने कहा कि उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें सामाजिक न्याय की धरती पर कुछ कार्य करने का अवसर मिला है। वे पहले से यहां आते रहे हैं और वे जब शिक्षक बने थे, तो बीएनएमयू एलएनएमयू का ही हिस्सा था।

उन्होंने कहा कि स्थापना काल से ही इस विश्वविद्यालय का नैक से मूल्यांकन नहीं होना दुखद है। इससे यूजीसी एवं अन्य एजेंसियों से ग्रांट मिलने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन नैक मूल्याकंन को प्राथमिकता देगी। इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

कुलपति ने कहा कि वे सभी कार्य नियम-परिनियम के अनुरूप समयबद्ध रूप में करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। इसमें सभी पदाधिकारियों, संकायाध्यक्षों विभागाध्यक्षों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का सहयोग अपेक्षित है।

कुलपति ने कहा कि राजभवन, सरकार एवं समाज को विश्वविद्यालय से काफी अपेक्षाएं हैं। हमें उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जरूरत है। इसके लिए टीम वर्क करना है। सकारात्मक रहें।

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी और सभी कार्य पारदर्शिता के साथ किया जाएगा। विद्यार्थियों का काम समय पर होगा। किसी भी विद्यार्थी को कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

कुलपति ने सभी पदाधिकारियों को निदेशित किया कि वे दो दिनों के अंदर कुलसचिव कार्यालय में अपने-अपने विभाग की कार्य योजनाएं प्रस्तुत करें। कोई भी संचिका दो दिनों से अधिक पेंडिंग नहीं रहे।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, उपकुलकचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।

READ MORE

[the_ad id="32069"]

READ MORE

राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने पटना वीमेंस कॉलेज के वेरोनिका हॉल में आयोजित पटना विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में 47 शोधार्थियों को पीएच. डी. की उपाधि तथा 43 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया।