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BNMU। हेमंत हीरा का निधन। शोक की लहर।

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BNMU। हेमंत हीरा का निधन। शोक की लहर।
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विश्वविद्यालय के पूर्व प्रशाखा पदाधिकारी, सामान्य शाखा और संप्रति प्रभारी, निकाय एवं प्राधिकार हेमंत कुमार उर्फ हेमंत हीरा का आकस्मिक निधन हो गया। वे लगभग 57 वर्ष के थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास में महती भूमिका निभाई है। उनके निधन पर संपूर्ण विश्वविद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई है।

कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण ने इसे विश्वविद्यालय के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि वे एक कर्तव्यनिष्ठ एवं समर्पित कर्मी थे। वे हमेशा अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते थे और हमेशा विश्वविद्यालय के विकास हेतु तत्पर रहते थे। हाल ही में संपन्न हुए सीनेट के वार्षिक अधिवेशन के आयोजन में भी उनकी महती भूमिका रही।

विधान पार्षद डाॅ. संजीव कुमार ने कहा है कि हेमंत कुमार विश्वविद्यालय अधिनियम के अच्छे जानकार थे। उनके निधन से कोसी एवं सीमांचल ने अपना एक हीरा खो दिया है। उनके निधन से जो रिक्तता आई है, उसकी भरपाई आसान नहीं होगी।

पूर्व सिंडिकेट सदस्य सह पूर्व प्रधानाचार्य डाॅ. परमानंद यादव ने कहा कि हेमंत हीरा विश्वविद्यालय का एक एसेट थे। उन्होंने स्थापना काल से लेकर आज तक हमेशा विश्वविद्यालय की अहर्निश सेवा की। विपत्ति के समय में भी वे हमेशा विश्वविद्यालय के प्रति समर्पित रहे। वे अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे।

कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव ने कहा कि हेमंत हीरा उनके बचपन के मित्र थे और उनके बचपन से लेकर अब तक वे क़रीबी रहे। विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही उन्होंने विश्वविद्यालय की अहर्निश सेवा की। उन्होंने बोरा-चट्टी पर बैठकर भी काम किया था। विश्वविद्यालय को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी महती भूमिका रही। उनकी लघुता की महत्ता से हमें सीख लेनी चाहिए।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह, पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, डीएसडब्लू डाॅ. अशोक कुमार यादव, कुलानुशासक डाॅ. बी. एन. विवेका, सीनेटर डाॅ. नरेश कुमार, सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान, सिंडिकेट सदस्य लेफ्टिनेंट गौतम कुमार, सीसीडीसी डाॅ. इम्तियाज अंजूम, कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद, महाविद्यालय निरीक्षक कला एवं वाणिज्य  डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डाॅ. उदयकृष्ण, अकादमिक निदेशक डाॅ. एम. आई. रहमान, बीएओ डाॅ. एम. एस. पाठक, डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर आदि ने भी हेमंत कुमार ने निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि हेमंत कुमार के सम्मान में मंगलवार को एक शोकसभा का आयोजन किया जाएगा।

BNMU। हेमंत हीरा का निधन। शोक की लहर।
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विश्वविद्यालय के पूर्व प्रशाखा पदाधिकारी, सामान्य शाखा और संप्रति प्रभारी, निकाय एवं प्राधिकार हेमंत कुमार उर्फ हेमंत हीरा का आकस्मिक निधन हो गया। वे लगभग 57 वर्ष के थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास में महती भूमिका निभाई है। उनके निधन पर संपूर्ण विश्वविद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई है।

कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण ने इसे विश्वविद्यालय के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि वे एक कर्तव्यनिष्ठ एवं समर्पित कर्मी थे। वे हमेशा अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते थे और हमेशा विश्वविद्यालय के विकास हेतु तत्पर रहते थे। हाल ही में संपन्न हुए सीनेट के वार्षिक अधिवेशन के आयोजन में भी उनकी महती भूमिका रही।

विधान पार्षद डाॅ. संजीव कुमार ने कहा है कि हेमंत कुमार विश्वविद्यालय अधिनियम के अच्छे जानकार थे। उनके निधन से कोसी एवं सीमांचल ने अपना एक हीरा खो दिया है। उनके निधन से जो रिक्तता आई है, उसकी भरपाई आसान नहीं होगी।

पूर्व सिंडिकेट सदस्य सह पूर्व प्रधानाचार्य डाॅ. परमानंद यादव ने कहा कि हेमंत हीरा विश्वविद्यालय का एक एसेट थे। उन्होंने स्थापना काल से लेकर आज तक हमेशा विश्वविद्यालय की अहर्निश सेवा की। विपत्ति के समय में भी वे हमेशा विश्वविद्यालय के प्रति समर्पित रहे। वे अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे।

कुलानुशासक डाॅ. बी. एन. विवेका ने कहा कि हेमन्त कुमार विश्वविद्यालय का इनसाक्लोपीडिया थे। उनके पास विश्वविद्यालय की जटिल-से-जटिल समस्याओं का समाधान था। वे कलम के धनी और कर्मयोगी थे।

कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव ने कहा कि हेमंत हीरा उनके बचपन के मित्र थे और उनके बचपन से लेकर अब तक वे क़रीबी रहे। विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही उन्होंने विश्वविद्यालय की अहर्निश सेवा की। उन्होंने बोरा-चट्टी पर बैठकर भी काम किया था। विश्वविद्यालय को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी महती भूमिका रही। उनकी लघुता की महत्ता से हमें सीख लेनी चाहिए।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह, पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, डीएसडब्लू डाॅ. अशोक कुमार यादव, सीनेटर डाॅ. नरेश कुमार, सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान, सिंडिकेट सदस्य लेफ्टिनेंट गौतम कुमार, सीसीडीसी डाॅ. इम्तियाज अंजूम, कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद, महाविद्यालय निरीक्षक कला एवं वाणिज्य डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डाॅ. उदयकृष्ण, अकादमिक निदेशक डाॅ. एम. आई. रहमान, बीएओ डाॅ. एम. एस. पाठक, डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर आदि ने भी हेमंत कुमार ने निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि हेमंत कुमार के सम्मान में मंगलवार को एक शोकसभा का आयोजन किया जाएगा।

 

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मेरे अभिन्न मित्र डॉ. मिथिलेश कुमार सहित राजनीति विज्ञान विषय के सभी नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। -सुधांशु शेखर, सचिव, शिक्षक संघ, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा