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BJP श्री सुशील कुमार मोदी को श्रद्धांजलि।

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श्री सुशील कुमार मोदी

पूर्व सदस्य, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा एवं विधान परिषद्
   

 जन्म: 05 जनवरी, 1952, पटना पिता:स्व. मोती लाल मोदी माता : स्व. रतना देवी वैवाहिक स्थिति: विवाहित (पत्नी- प्रो. डॉ. जेसी सुशील मोदी, प्राचार्य, वीमेन्स ट्रेनिंग कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय) सन्तान: दो पुत्र (उत्कर्ष तथागत एवं अक्षय अमृतांशु) शिक्षा:

राम मोहन राय सेमिनरी, पटना से मैट्रिक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण

पटना साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय से स्नातक प्रतिष्ठा (वनस्पति विज्ञान)। पूरे विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी में द्वितीय स्थान।

स्नातकोत्तर (वनस्पति विज्ञान) में पटना विश्वविद्यालय में नामांकन, कुछ माह पश्चात जे.पी. के आह्वान पर पढ़ाई छोड़कर जे.पी. आंदोलन में शामिल।


 व्यवसाय:

 सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियां :

छात्र राजनीति

 1971 में  पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य निर्वाचित

1973 से 1977  तक पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री निर्वाचित। श्री लालू प्रसाद इसी छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष एवं श्री रविशंकर प्रसाद संयुक्त सचिव थे।

1977 से 1986  तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री। उत्तर प्रदेश-बिहार के क्षेत्रीय संगठन मंत्री। विद्यार्थी परिषद् के 3 बार राष्ट्रीय महामंत्री एवं 1974 में जे.पी. आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका।

राजनीतिक गतिविधियाँ

लोक सभा/बिहार विधान परिषद्/बिहार विधान सभा

1990 में पटना केन्‍द्रीय विधान सभा क्षेत्र से 31,021 मत प्राप्‍त कर 3,113 मतों के अंतर से जीते

1995 में इसी क्षेत्र से 64,134 मत प्राप्‍त कर 32,099 मतों के अंतर से जीते

2000 में इसी क्षेत्र से 85,832 मत प्राप्‍त कर 66,069 मतों के अंतर से जीते

1996 से 2004 तक बिहार विधान सभा में प्रतिपेक्ष के नेता

2004 में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से 3 लाख 45 हजार मत प्राप्‍त कर 1 लाख 17 हजार मतों के अंतर से निर्वाचित

2005 में लोक सभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा एवं बिहार विधान परिषद् का सदस्‍य निर्वाचित

2012 में दूसरी बार बिहार विधान परिषद् का सदस्‍य निर्वाचित

जून 2013 से बिहार विधान परिषद् में प्रतिपक्ष के नेता


आन्‍दोलन

1972 में पहली बार छात्र आन्‍दोलन के दौरान 5 दिनों की जेल यात्रा

1974 के जे.पी. आन्‍दोलन एवं आपातकाल के दौरान 5 बार ‘मीसा’’ में गिरफ्तार

आपातकाल के 19 महीने की जेल यात्रा को मिलाकर कुल लगभग 24 माह जेल में रहे

बांकीपुर, फुलवारी, बक्‍सर, हजारीबाग, दरभंगा, भागलपुर जेल तथा पी.एम.सी.एच. कैदी वार्ड में कारा अवधि में बंद किए गए

राम जन्‍म भूमि आन्‍दोलन के दौरान 10 दिनों की जेल-यात्रा

विदेशी घुसपैठ विरोधी असम आन्‍दोलन में सक्रिय भूमिका

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ

1962 में चीनी आक्रमण के दौरान संघ से संपर्क

राजेन्‍द्र नगर सायं शाखा के मुख्‍य शिक्षक, पटना महानगर सायं कार्यवाह, जिला शारीरिक प्रमुख का दायित्‍व

1977 से 1986 तक संघ के प्रचारक के नाते विद्यार्थी परिषद् के पूर्णकालिक कार्यकर्ता

बिहार सरकार/भारत सरकार

2000 में संसदीय कार्य मंत्री

2005 में उप मुख्‍यमंत्री-सह वित्त मंत्री (जून, 2013 तक)

देश भर के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के अध्‍यक्ष निर्वाचित


पार्टी में दायित्‍व

1995 में भाजपा विधानमंडल दल के मुख्‍य सचेतक निर्वाचित

1995 में भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय मंत्री मनोनीत

2004 में भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष मनोनीत

2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष निर्वाचित

विदेश यात्रा

अमेरिका, इंग्‍लैंड, फ्रांस, इटली, नीदरलैण्‍ड, स्‍वीटजरलैण्‍ड, बेल्जियम, सियेरा लिओन (अफ्रीका), दुबई, अबुधाबी, नेपाल, चीन, म्‍यांमार, श्रीलंका, आस्‍ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैण्‍ड, लक्‍जमबर्ग, इजरायल, हांगकांग, कम्‍बोडिया, जापान, मॉरीशस, स्‍पेन, ऑस्ट्रिया

बिहार विधान परिषद् की सदस्यता :   7 मई, 2012

  स्थायी पता:रोड नं.- 8 ए, राजेन्‍द्र नगर, थाना-कदम कुऑं, पटना-800016, बिहार वर्तमान पता

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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