Bihar न्याय के साथ विकास की हकीकत! अन्याय के खिलाफ एकजुट हों युवा!

टाइम्स ऑफ स्वराज यूट्यूब चैनल ने सूचना का अधिकार अधिनियम के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर दावा किया है कि बिहार में शिक्षक बहाली में आरक्षित वर्ग (सामान्य कोटि की महिला) में बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों की भी बहाली की गई है। यह बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आरक्षण नियमों की अवहेलना है। इससे बिहार के सभी वर्गों की महिला अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय हुआ है और इससे सरकार के न्याय के साथ विकास के दावों की पोल भी खुल गई है। मैं संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ की बात करने वाले माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता हूं कि इस मामले को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई करें। माननीय उप मुख्यमंत्री जी से भी राज्यहित में हस्तक्षेप की उम्मीद करता हूं। साथ ही पक्ष-विपक्ष के सभी दलों के नेताओं से अनुरोध है कि इस मामले को गंभीरता से लें‌।

मैं बिहार की युवा पीढ़ी से भी अपील करता हूं कि वे जाति एवं पार्टी लाइन से ऊपर उठकर बिहार के हित में आवाज उठाएं। अन्यथा सबकुछ लूट जाएगा- “पहले वे आये कम्युनिस्टों के लिए/और मैं कुछ नहीं बोला/क्योंकि मैं कम्युनिस्ट नहीं था।/फिर वे आये ट्रेड यूनियन वालों के लिए/और मैं कुछ नहीं बोला/क्योंकि मैं ट्रेड यूनियन में नहीं था।/फिर वे आये यहूदियों के लिए/और मैं कुछ नहीं बोला/क्योंकि मैं यहूदी नहीं था।/फिर वे मेरे लिए आये/और तब तक कोई नहीं बचा था/जो मेरे लिए बोलता।”

मार्टिन नीमोलर

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-सुधांशु शेखर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा (बिहार)