Author: Bnmu Samvad

Bhupendra Narayan Mandal University, Laloonagar, Madhepura-852113 (Bihar), India
BNMU। सम्मान समारोह
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BNMU। सम्मान समारोह

सम्मान समारोह आयोजित हमने बीएनएमयू को आगे बढ़ाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ प्रयास किया। हमें बहुत कुछ सफलता मिली। लेकिन कुछ काम अधूरे भी रह गए। अब सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वे अधूरे कार्यों को पूरा करें। यह बात कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही। वे रविवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। यह समारोह कुलपति प्रोफेसर डाॅ. अवध किशोर राय एवं प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली के तीन वर्षों का स्वर्णिम कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम  में सोशल डिस्टेंसिंग सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी निदेशों का शत प्रतिशत पालन किया गया। कुलपति ने कहा कि उनका एक सपना है कि विश्वविद्यालय और टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा एवं अन्य महाविद्यालयों का नैक से मूल्यांकन हो। सभी मिलकर इस कार्य...
BNMU। अतिथि शिक्षकों का एक दिवसीय सांकेतिक धरना
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BNMU। अतिथि शिक्षकों का एक दिवसीय सांकेतिक धरना

अतिथि शिक्षकों का एक दिवसीय सांकेतिक धरना रंजन यादव शोधार्थी, राजनीति विज्ञान विभाग, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के अतिथि शिक्षकों को अब तक एक दिन का भी मानदेय नहीं मिला है। इनका मानदेय 7 माह से लंबित है। इसको लेकर अतिथि शिक्षक संघ ने शनिवार को विश्वविश्वविद्यालय के धरना स्थल पर एक दिवसीय सांकेतिक घरना दिया।        विश्वविद्यालय परिसर में दिन के 11:00 से 4:00 तक दिया।संघ ने माननीय कुलसचिव डा.कपिलदेव प्रसाद के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार को एक ज्ञापन भेजा।   मालूम हो कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा द्वारा अतिथि शिक्षकों को विधिवत विज्ञापन, चयन समिति के माध्यम से यूजीसी मापदंडों के आधार पर किया गया है। अपने योगदान के पश्चात ये पठन-पाठन में योगदान दे रहे हैं । ये अभी ल...
BNMU। सम्मान समारोह 28 मई, 2020 को
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BNMU। सम्मान समारोह 28 मई, 2020 को

बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रोफेसर डाॅ. अवध किशोर राय के तीन वर्षों का स्वर्णिम कार्यकाल 28 मई को पूरा हो रहा है। इसको लेकर विश्वविद्यालय में उनके सम्मान समारोह के आयोजन की तैयारी चल रही है। इस संबंध में शनिवार को विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों की  एक आवश्यक बैठक केंद्रीय पुस्तकालय में आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता वित्तीय परामर्शी सुरेशचंद्र दास ने की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कुलपति के सम्मान में 28 मई को पूरे एक दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी निदेशों का शत प्रतिशत पालन किया जाएगा। यथा-सभी लोग मास्क/गमछा लगाएँगे, कार्यक्रम स्थल सेनेंटाइज होगा, वासरूम एवं अन्य जगहों पर हेंडवास एवं सेनेंटाइजर की व्यवस्था की जाएगी आदि। कुलपति के सम्मान में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा  एवं मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा में...
BNMU। व्याख्यान 26 मई, 2020 को
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BNMU। व्याख्यान 26 मई, 2020 को

सादर आमंत्रण ========= बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज Facebook.com/bnmusamvad.com पर दिनांक-26 मई, 2020 (मंगलवार),  समय-पूर्वाह्न 11.30 बजे से विषय- "सतत् विकास में पर्यावरण-नैतिकता" (Environmental Ethics behind Sustainable Development)।  वक्ता- डाॅ. नरेश कुमार, प्रोफेसर (रसायनशास्त्र) एवं प्रोफेसर इंचार्ज, शिक्षाशास्त्र विभाग, बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) ========= बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज Facebook.com/bnmusamvad.com पर हमने "बीएनएमयू संवाद व्याख्यान माला" की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत गत दिनों माननीय कुलपति प्रोफेसर डाॅ. अवध किशोर राय एवं माननीय प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली ने भी आप सबों से संवाद किया। हम इन दोनों के आभारी हैं। साथ ही आप सभी ने हमारे फेसबुक लाइव एवं यू-ट्यूब चैनल को जो सहयो...
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BNMU। प्रकृति की ओर लौटें

प्रकृति पर ही मानव अस्तित्व निर्भर है : प्रति कुलपति   प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण पर ही संपूर्ण  चराचर जगत  का अस्तित्व निर्भर करता है। जल, जमीन, जंगल, जानवर एवं जन सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं। प्रकृति बचेगी, तभीहम बच सकेंगे। अतः प्रकृति की ओर लौटना हमारी मजबूरी हो गई है। यह बात प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली ने कही। वे बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज पर बीएनएमयू संवाद व्याख्यान माला में पर्यावरण की ओर लौटें विषय पर बोल रहे थे। प्रति कुलपति ने कहा कि प्रकृति हमारी माँ है। हम धरती, नदी आदि को भी माता मानते हैं। माँ की शरण में ही हमारा जीवन सुरक्षित है। प्रकृति की गोद में ही  जल, जीवन एवं हरियाली है। अतः हम प्रकृति की ओर लौटें। प्रति कुलपति ने कहा कि विकास की अंधदौड़ में हम प्रकृति-पर्यावरण से दूर जा रहे हैं। हम प्रकृति के दुश्मन बन गए हैं। हम जंगलों...
BNMU। शिक्षा, समाज एवं संस्कृति अन्योन्याश्रित हैं : कुलपति
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BNMU। शिक्षा, समाज एवं संस्कृति अन्योन्याश्रित हैं : कुलपति

शिक्षा, समाज एवं संस्कृति तीनों एक-दूसरे से गहरे जुड़े हैं। इनमें अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है। राष्ट्र के विकास में तीनों की महती भूमिका है।अतः हम सबों को मिलकर शिक्षा, समाज एवं संस्कृति को सही रूपों में विकसित करने की जरूरत है। यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही। वे बुधवार को बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज से 'शिक्षा, समाज एवं संस्कृति' विषय पर लाइव व्याख्यान दे रहे थे। व्याख्यान के पूर्व कुलपति का प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली, महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डॉ. उदयकृष्ण, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर एवं कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कुलपति ने कहा कि आम तौर पर समाज को व्यक्तियों का समूह माना जाता है। लेकिन व्यक्तियों के सभी समूहों को समाज नहीं कहते हैं। वह समूह जो किसी खास उद्देश्य की पूर्ति के लिए बने हों और व्य...
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BNMU। साहित्य और संस्कृति एक-दूसरे के पूरक

साहित्य और संस्कृति एक-दूसरे के पूरक : काश्यप साहित्य और संस्कृति का अन्योन्याश्रय संबंध है। ये परस्पर परिपूरक हैं। यह बात हिंदी विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा के एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रभारी अध्यक्ष डाॅ. सिद्धेश्वर काश्यप ने कही। वे बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज पर लाइव व्याख्यान में बोल रहे थे। इसका विषय साहित्य एवं संस्कृति था। डाॅ. काश्यप ने कहा कि  साहित्य ज्ञान का संचित  कोश है। यह मनुष्य की चित्तवृत्तियों का प्रतिबिम्ब भी है। संस्कृति मनुष्य की चित्तवृत्तियों से संबंधित  है। साहित्य में संस्कृति की अभिव्यक्त होती है। साहित्य के माध्यम से मनुष्य की चित्तवृत्तियों एवं आचार-विचार का संस्कार एवं परिष्कार होता  है। डाॅ. काश्यप ने कहा कि संस्कृति का संबंध  धर्म-दर्शन से लेकर रीति -रिवाज, रहन-सहन, आचार -विचार,आहार -विहार, ज्ञान-विज्ञान, व्यवहार-कौशल, जीवन-पद्धति, ...
Hindi। साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक
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Hindi। साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक

साहित्य और संस्कृति एक-दूसरे के पूरक : काश्यप साहित्य और संस्कृति का अन्योन्याश्रय संबंध है। ये परस्पर परिपूरक हैं। यह बात हिंदी विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा के एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रभारी अध्यक्ष डाॅ. सिद्धेश्वर काश्यप ने कही। वे बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय फेसबुक पेज पर लाइव व्याख्यान में बोल रहे थे। इसका विषय साहित्य एवं संस्कृति था। डाॅ. काश्यप ने कहा कि  साहित्य ज्ञान का संचित  कोश है। यह मनुष्य की चित्तवृत्तियों का प्रतिबिम्ब भी है। संस्कृति मनुष्य की चित्तवृत्तियों से संबंधित  है। साहित्य में संस्कृति की अभिव्यक्त होती है।साहित्य के माध्यम से मनुष्य की चित्तवृत्तियों एवं आचार-विचार का संस्कार एवं परिष्कार होता  है। डाॅ. काश्यप ने कहा कि संस्कृति का संबंध  धर्म-दर्शन से लेकर रीति -रिवाज, रहन-सहन, आचार -विचार,आहार -विहार, ज्ञान-विज्ञान, व्यवहार-कौशल, जीवन-पद्धति, कला-मूल...
Hindi साहित्य और संस्कृति एक दूसरे पूरक : काश्यप
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Hindi साहित्य और संस्कृति एक दूसरे पूरक : काश्यप

साहित्य और संस्कृति एक-दूसरे के पूरक : काश्यप साहित्य और संस्कृति का अन्योन्याश्रय संबंध है। ये परस्पर परिपूरक हैं। यह बात हिंदी विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा के एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रभारी अध्यक्ष डाॅ. सिद्धेश्वर काश्यप ने कही। वे बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय फेसबुक पेज पर लाइव व्याख्यान में बोल रहे थे। इसका विषय साहित्य एवं संस्कृति था। डाॅ. काश्यप ने कहा कि  साहित्य ज्ञान का संचित  कोश है। यह मनुष्य की चित्तवृत्तियों का प्रतिबिम्ब भी है। संस्कृति मनुष्य की चित्तवृत्तियों से संबंधित  है। साहित्य में संस्कृति की अभिव्यक्त होती है।साहित्य के माध्यम से मनुष्य की चित्तवृत्तियों एवं आचार-विचार का संस्कार एवं परिष्कार होता  है। डाॅ. काश्यप ने कहा कि संस्कृति का संबंध  धर्म-दर्शन से लेकर रीति -रिवाज, रहन-सहन, आचार -विचार,आहार -विहार, ज्ञान-विज्ञान, व्यवहार-कौशल, जीवन-पद्धति, कला-मूल्य औ...