BNMU। प्रकृति की ओर लौटें

प्रकृति पर ही मानव अस्तित्व निर्भर है : प्रति कुलपति

 

प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण पर ही संपूर्ण  चराचर जगत  का अस्तित्व निर्भर करता है। जल, जमीन, जंगल, जानवर एवं जन सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं। प्रकृति बचेगी, तभीहम बच सकेंगे। अतः प्रकृति की ओर लौटना हमारी मजबूरी हो गई है। यह बात प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली ने कही। वे बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज पर बीएनएमयू संवाद व्याख्यान माला में पर्यावरण की ओर लौटें विषय पर बोल रहे थे।
प्रति कुलपति ने कहा कि प्रकृति हमारी माँ है। हम धरती, नदी आदि को भी माता मानते हैं। माँ की शरण में ही हमारा जीवन सुरक्षित है। प्रकृति की गोद में ही  जल, जीवन एवं हरियाली है। अतः हम प्रकृति की ओर लौटें।
प्रति कुलपति ने कहा कि विकास की अंधदौड़ में हम प्रकृति-पर्यावरण से दूर जा रहे हैं। हम प्रकृति के दुश्मन बन गए हैं। हम जंगलों को काट रहे हैं, पहाड़ों को तोड़ रहे हैं और नदियों को बांध रहे हैं। इसके कारण प्राकृतिक असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो गई है। अतः हम विकास का वह पैमाना बनाएँ, जिसमें प्रकृति का अविवेकपूर्ण दोहन एवं शोषण नहीं हो।
प्रति कुलपति ने कहा कि मनुष्य के अतिरिक्त  सभी जीव-जंतु प्रकृति-पर्यावरण के साथ सहयोग एवं सहकार का संबंध रखते हैं। सिर्फ मनुष्य ही प्रकृति का दुश्मन बन बैठा है। इसलिए प्रकृति मनुष्य से खफा है। आज कोरोना महामारी के संकट काल में पूरे दुनिया में सभी जीवों में  मानव ही सबसे लाचार एवं बेबस नजर आ रहा है। प्राकृति-पर्यावरण के साथ मनुष्य की दुश्मनी ने ही प्राकृतिक प्रकोपों को बढ़ावा दिया है। अतः यदि हमें प्राकृतिक प्रकोपों से बचना है, तो हमें प्रकृति के साथ मिलकर जीने की कला सीखनी होगी।
प्रति कुलपति ने बताया कि महात्मा गाँधी ने कहा है कि यह धरती हम सबों की आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है, लेकिन यह हमारी लोभ-लालच को पूरा नहीं कर सकती है। अतः हम प्रकृति का विवेकपूर्ण उपभोग करें।
प्रति कुलपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति पर आधारित है। हम अपनी संस्कृति को छोड़कर भौतिकवादी हो गए हैं। इससे प्रकृति का काफी नुकसान हुआ।
 व्याख्यान 26 मई को
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बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पेज पर 26 मई (मंगलवार) को पूर्वाह्न 11.30 बजे प्रति शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज एवं बीएनमुस्टा के महासचिव प्रो. (डाॅ.) नरेश कुमार का लाइव व्याख्यान होगा। वे पर्यावरणीय नैतिकता  विषय पर अपनी बात रखें। यह स्नातक के सभी विषयों के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा भी है। इस व्याख्यान के फेसबुक पेज का लिंक  https://m.facebook.com/bnmusamvad है।
कार्यक्रम के आयोजक डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि बीएनएमयू संवाद व्याख्यान माला को काफी सहयोग मिल रहा है। गुरूवार को  प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली के व्याख्यान को अपराह्न चार बजे तक 2 हजार 500 व्यू, 300 लाइक, 150 कमेंट एवं 30 शेयर मिला। बुधवार को हुए कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय के व्याख्यान को अब तक लगभग  15 हजार व्यू, 800 लाइक, 325 कमेंट एवं 85 शेयर मिल चुका है।
जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि आगे शिक्षा संकायाध्यक्ष डाॅ. राकेश कुमार सिंह कोरोना के बाद अध्यापक शिक्षा व्याख्यान देंगे। इनके व्याख्यान की तिथि एवं समय का निर्धारण शीघ्र ही किया जाएगा। अन्य शिक्षकों से भी व्याख्यान के लिए समय माँगा गया है।