LNMU नैक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये आवश्यक: प्रोफेसर एन के अग्रवाल

नैक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये आवश्यक : प्रोफेसर एन. के. अग्रवाल

उच्च शिक्षण संस्थान के लिए नैक करवाना आवश्यक है। नैक नहीं करवाने की स्थिति में संस्थान को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नैक करवाने के सभी पहलू की विस्तार से चर्चा करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के आईक्यूएससी के डायरेक्टर प्रोफेसर एन के अग्रवाल ने कही। वे आजआईक्यूएससी, आसाम सेंट्रल यूनिवर्सिटी, सिलचर द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला जिसका विषय “नैक अस्क्रेडिटेशन, एन आई आर एफ रैंकिंग एंड नेशनल एजुकेशन पालिसी : रोड अहेड फ़ॉर एच ई आई एस”” था, के अवसर पर वक्ता के रूप में भाग ले रहे थे। उन्हें आसाम यूनिवर्सिटी द्वारा वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। डॉ. अग्रवाल ने नैक के असेसमेंट एंड अस्क्रेडिटेशन के सभी पहलू की जानकारी साझा की। नैक करवाने के प्रथम चरण रजिस्ट्रेशन, आईआईक्यूए (गुणवत्ता आकलन के लिए संस्थागत जानकारी), सेल्फ स्टडी रिपोर्ट, डाटा वेलिडेशन एन्ड वेरिफिकेशन, स्टूडेंट सैटिस्फैक्शन सर्वे, पीयर टीम विजिट,संस्थगत ग्रेडिंग के बारे में विस्तार से बताया। अंत मे प्रश्नोत्तर कार्यक्रम भी था, जिसका भी निराकरण किया गया।
आसाम विश्वविद्यालय, सिलचर के कुलपति प्रोफेसर दिलीप सी नाथ, कुलसचिव डॉ. प्रदोष किरण नाथ, प्रोफेसर दिव्यज्योति भट्टाचार्यजी, पूर्व डायरेक्टर, आईक्यूइससी, प्रोफेसर कुमार सुरेश हेड, डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन, निपा नई दिल्ली, प्रोफेसर जोयती भट्टाचार्य, डायरेक्टर, आईक्यूएससी, असम यूनिवर्सिटी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रोफेसर दिव्यज्योति ने एन आई आर एफ रैंकिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निपा के प्रोफेसर सुरेश ने नई शिक्षा नीति के बारे में बताया। प्रोफेसर जोयति ने कहा कि नैक की प्रक्रिया एक सतत चलनेवाली प्रक्रिया है। इस दिशा में लगातार कार्य करने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में काफी प्रतिभागियों ने भाग लिया। अंत मे डॉ.  अमिताभ भट्टाचार्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।