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“ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली : लाभ एवं हानि” विषयक एक व्याख्यान 5 अगस्त, 2020, को पूर्वाहन 11: 00 बजे

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व्याख्यान 5 अगस्त को

बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के फेसबुक पर Facebook.com/bnmusamvad पर पूर्वाहन 11:00 बजे से “ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली : लाभ एवं हानि” विषयक एक व्याख्यान का आयोजन किया गया है। इसके वक्ता हैं अखिल भारतीय शांति प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सृष्टि रक्षा चैनल के
चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री बिंदु भूषण दुबे।

संक्षिप्त परिचय

श्री बिंदु भूषण दूबे वनों के प्रदेश और रत्नगर्भा प्रदेश के नाम से प्रसिद्ध राज्य झारखण्ड के निवासी हैं। प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिये कृतसंकल्प है श्री दूबे। स्वछ भारत, स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत और समर्थ भारत के उद्देश्य को पूरा करने हेतु दिन- रात कार्यरत है और वर्तमान समय मे पाँचवे महाकुंभ के आयोजन में जुटे हुए है। उनका संकल्प है कि भागलपुर स्थित पुरातन विक्रमशिला विश्विद्यालय के प्रांगण में माँ गंगा के तट पर पांचवे महाकुम्भ का आयोजन हो जिसमें ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेट चेंज जैसे विषयों पर 200 से भी ज्यादा देशों से आए विद्वानों की चर्चा हेतु सहभागिता हो।

उपलब्धियां
1  राष्ट्रीय कम्पैनर स्वच्छ भारत अभियान जिसका सुभारम्भ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कर कमलों द्वारा हुआ

2. देश भर में 700 से ज्यादा कार्यक्रम का आयोजन प्रकृति सुरक्षा सम्बंधित विषयों पर

3. भारत के सीमावर्ती देशों में भी कार्यक्रम का आयोजन और व्याख्यान

4. यूनाइटेड किंगडम, लंदन में भी कार्यक्रम का आयोजन

5. विभिन्न कार्यक्रमों में विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्विद्यालयों के 10 लाख भी ज्यादा विद्यार्थियों के बीच व्याख्यान

6. प्रकृति संरक्षण कम्पैन की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम, लन्दन से

7.  लंदन में आयोजित सेव मदर अर्थ के विशेष सलाहकार

8. लंदन में इंस्पायरिंग वीमेन ऑफ इंडिया संस्थान के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ हॉनर के रूप में उपस्थिति कैडममिम की मेयर श्रीमती मरियम इस्लामडस्ट के साथ

9. अनसंग हीरो पुरस्कार प्रसिद्ध संस्था ग्रामलय द्वारा

10. ब्रांड अम्बेसडर ग्रामलय

11. वैश्विक महामारी कोरोना में लोगों की सहायता और ज्ञानवर्धन हेतु सृष्टि रक्षा चैनल का आरंभ

12. ऑक्सफ़ोर्ड सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज में व्यख्यान क्लीन गंगा मिशन और क्लाइमेट चेंज विषय पर

13. नेपाल यात्रा में वहाँ के प्रधानमंत्री और 6 से भी ज्यादा पूर्व प्रधानमंत्रीयो से बातचीत पयार्वरण सुरक्षा विषय पर।

कोरोना काल में श्री दूबे ने 100 से भी ज्यादा व्याख्यानों के माध्यम से लोगों को जागरूक कर उन्हें कोरोना काल मे आ रही दिक्कतों का सामना करने के लिए प्रेरित किया है। डिसिप्लिन, डेडिकेशन, डिटरमिनेशन और डिवोशन की उन्होनो चार मन्त्र के रूप व्यख्या की है जिनका पालन करके परेशानियों से बचा जा सकता है। श्री दुबे ने सस्टेनेबल लिविंग के लिए पांच तत्वों की बात की है जिसमे जीव, जगत, जल, जंगल, और जमीन शामिल हैं।

संप्रति- राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय शांति प्रतिष्ठान चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, सृष्टि रक्षा चैनल

रिपोर्ट – डेविड यादव, मधेपुरा

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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