BNMU। एनएसएस की समीक्षात्मक बैठक

राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का समाज एवं राष्ट्र के नव निर्माण में महती भूमिका है। हमें आम जनता के हित में कार्य करना है। विश्वविद्यालय का नाम रौशन करना है।

उन्होंने निदेश दिया कि राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी कार्य नियमानुकूल संपादित किए जाएं और मेनुअल के प्रावधानों का शत-प्रतिशत पालन हो।

वित्तीय परामर्शी सुरेशचन्द्र दास ने कहा कि सभी कार्यों में वित्तीय नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत कार्यरत सभी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयों से संबंधित खातों (सरकारी खाता, आंतरिक स्रोत खाता एवं रेड रिबन क्लब खाता) का आय-व्यय विवरणी, कैशबुक रजिस्टर, पासबुक, उपयोगिता प्रमाण पत्र आदि की जाँच की गई।

बैठक में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यों को गति देने पर बल दिया गया। साथ ही सभी कार्य वित्तीय नियमों का पालन करते हुए संपादित करने का निर्णय लिया गया।

राष्ट्रीय सेवा योजना के नियमित कार्यक्रम एवं सात दिवसीय विशेष शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना आंतरिक एवं बाह्य खातों को पीएफएमएस से जोड़ने के संबंध में आवश्यक निर्णय लिया गया।

सभी महाविद्यालयों से राष्ट्रीय सेवा योजना मद की विश्वविद्यालय अंश की राशि ससमय विश्वविद्यालय भेजने का निदेश दिया गया। इस हेतु सभी महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजा जा चुका है। सभी महाविद्यालयों में रेड रिबन क्लब के अंतर्गत रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. अभय कुमार ने किया। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय का कैलेंडर भी वितरित किया।

इस अवसर पर वित्त पदाधिकारी रामबाबू महतो, कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. अभय कुमार, डाॅ. सुधांशु शेखर, डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, डॉ. अभय कुमार,  डॉ. संजीव कुमार झा, विद्यानंद यादव, डाॅ. स्वर्ण मणि, शंभू यादव, नारायण कुमार, रामलखन प्रसाद, अतुलेश्वर झा, कृष्णा चौधरी, डॉ. कविता कुमारी, अमित कुमार, डॉ. अमरेंद्र कुमार, शशिकांत कुमार, डाॅ. संजय कुमार परमार, कामाख्या नारायण सिंह, विनय कुमार, अनामिका यादव, ललिता कुमारी, रूपा सिंह, शंभू कुमार, सुरेंद्र कुमार, विजेंद्र मेहता, विवेकानंद कुमार, नरेंद्र मंडल, मोहम्मद अखलाक, डॉ. निहारिका प्रजापति, डॉ. सुमन आदि उपस्थित थे।