प्रकृति माँ के सानिध्य में बिताया गया एक क्षण मनुष्यों के भीड़ में बिताए गए सैकड़ों दिनों से श्रेयष्कर है

पौधारोपण कार्यक्रम में भागीदारी

प्रकृति हमारी माँ है और माँ के कदमों में जन्नत होती है। प्रकृति माँ के सानिध्य में बिताया गया एक क्षण मनुष्यों के भीड़ में बिताए गए सैकड़ों दिनों से श्रेयष्कर है। यह बात प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कही।

वे एक अगस्त, 2019 को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा, बिहार में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ‘हर परिसर हरा परिसर’ अभियान के तहत महाविद्यालय अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाईयों के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।

प्रधानाचार्य ने बताया कि ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय पहले से भी हरा-भरा परिसर है। इसमें हमारे पूर्वजों ने काफी पौधे लगाए थे। उनमें से कई पौधे आज विशाल वृक्ष का रूप ले चुके हैं।

प्रधानाचार्य ने बताया कि महाविद्यालय के पुराने वृक्षों से प्राप्त बहुमूल्य बीजों को महाविद्यालय की एक नर्सरी में डालकर सैकड़ों पौधे उगाए गए हैं। अपने महाविद्यालय में उत्पादित इन पौधों को ही खाली पड़ी जमीन पर लगाया गया है। अब पूरा महाविद्यालय पेड़-पौधों से अच्छादित कर दिया गया है।

प्रधानाचार्य ने कहा कि बिहार के महामहिम कुलाधिपति और बीएनएमयू के कुलपति ने ‘हर परिसर हरा परिसर’ का अभियान चलाया है। इस अभियान में टी. पी. काॅलेज बढ़चढ़ कर भाग ले रहा है। हम न केवल महाविद्यालय परिसर, बल्कि अपने घर-आंगन को भी हराभरा बनाने हेतु प्रतिबद्ध हों। हम सब कम-से-कम दस वृक्ष लगाएं और उसकी सुरक्षा एवं देखभाल भी करें।

पूर्व प्रधानाचार्य सह सिंडीकेट सदस्य डाॅ. परमानंद यादव ने कहा कि मनुष्यों को वृक्षों से प्रेरणा लेनी चाहिए। वृक्ष हमेशा दूसरों के लिए जीते हैं। वे हमसे कुछ नहीं लेते हैं और हमें अपना सब कुछ देते रहते हैं। वृक्ष जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत हमारे साथ रहते हैं। हमें वृक्षों से प्राणवायु आॅक्सिजन से लेकर सुगंधित पुष्प, रसदार फल और स्वास्थ्यवर्धक औषधियाँ तक सैकड़ों चीजें प्राप्त होती हैं। यदि हमें ये चीजें नहीं मिलें, तो हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा। एक वृक्ष अपने जीवन में करोड़ों रूपए का आॅक्सिजन देता है।

उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाना प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ मानव सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण के लिए भी जरूरी है। वृक्ष के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

सिंडीकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने कहा कि मधेपुरा की धरती वृक्षों के विकास के अनुकूल है। यहाँ वृक्षों की कई महत्वपूर्ण प्रजातियाँ पाई जाती हैं। ऐसे में यहाँ एक जैव विविधता केन्द्र स्थापित करने की जरूरत है। पौधारोपण एवं वन संरक्षण को मात्र सरकार के भरोसे छोड़ने से काम नहीं होने होने वाला है। इसमें सबों की भागीदारी जरूरी है।

कार्यक्रम के पूर्व प्रधानाचार्य ने विज्ञान परिसर स्थित महाविद्यालय के संस्थापक कीर्ति नारायण मंडल के प्रतिमा स्थल पर सभी लोगों को पर्यावरण-संरक्षण में योगदान देने की शपथ दिलाई। वहाँ से एक पर्यावरण जागरूकता रैली भी निकाली गई। इसमें महाविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के अलावा मूल्यांकन कार्य में शामिल परीक्षकों ने भी अपनी भागीदारी निभाई।

इस अवसर पर जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर, एनएसएस पीजी ईकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, सीएम साइंस काॅलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार परमार, टी. पी. काॅलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, डाॅ. विजया कुमारी, डाॅ. शिवशंकर कुमार, डाॅ. योगेन्द्र प्रसाद यादव, डाॅ. मनोज कुमार मनोरंजन, डाॅ. वीर किशोर सिंह, डाॅ. वीणा कुमारी, डाॅ. राजीव रंजन, डाॅ. आर पी राजेश, डाॅ. गजेन्द्र कुमार, डाॅ. रतनदीप, डाॅ. दीपक कुमार राणा, डाॅ. मनोज कुमार यादव, डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डाॅ. मिथिलेश कुमार, डाॅ. दिनेश यादव, डाॅ. पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।