BNMU शिक्षा के बदलते परिदृश्य एवं चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय सेमिनार 19 को

मानव सभ्यता के प्रारंभ से ही शिक्षा की कोई-न-कोई औपचारिक या अनौपचारिक व्यवस्था रही है और समय-समय पर इसमें परिवर्तन भी होते रहे हैं। भारत में भी वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक शिक्षा के स्वरूप और इसके उद्देश्यों में काफी परिवर्तन हुआ है। इधर, कोविड-19 ने भी भारत सहित पूरी दुनिया की शिक्षा-व्यवस्था पर व्यापक प्रभाव डाला है और इस दौर में ऑनलाइन शिक्षण एक विकल्प बनकर उभरा है। लेकिन शिक्षा के इस बदलते परिदृश्य ने हमारे समाज एवं राष्ट्र के समक्ष कई चुनौतियाँ भी खड़ी कर दी हैं। अतः वैदिक काल से कोरोना काल तक शिक्षा में आए विभिन्न बदलावों को रेखांकित करने और समसामयिक चुनौतियों के समाधान की तलाश आवश्यक है। इसी आलोक में मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा में 19-20 दिसंबर, 2020 को शिक्षा के बदलते परिदृश्य एवं चुनौतियां विषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सुनिश्चित है। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डाॅ. अशोक कुमार ने बताया कि सेमिनार के आयोजन हेतु एक समिति का गठन किया गया है। कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण समिति के प्रधान संरक्षक और प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह संरक्षक होंगे।

जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि उक्त सेमिनार में आमंत्रित वक्ता के रूप में देश के कई जानेमाने शिक्षाविद् भाग लेंगे। इनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के आईक्यूएसी निदेशक प्रो. (डाॅ.) बी. के. सिंह, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) राकेश कुमार एवं तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में गाँधी विचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) विजय कुमार के नाम शामिल हैं।