BNMU। राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन

राष्ट्रीय सेवा योजना, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा द्वारा शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के सुअवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव ने की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल सच्चे राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने एकीकृत भारत का सपना देखा था। उनके नेतृत्व में भारत में देसी राज्यों का विलय संभव हो सका। भारत के एकीकरण में महती भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल एक दूरदर्शी राजनेता थे। उन्होंने किसानों एवं मजदूरों के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में बारदोली किसान सत्याग्रह चलाया गया था। वे सादगी एवं ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे। आज के राजनेताओं को उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। एनएसएस समन्वयक डॉ. अभय कुमार ने कहा कि भारत सरकार के आह्वान पर पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सिंडीकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि सरदार पटेल एक लोकप्रिय जननेता थे। उनकी लोकप्रियता आज भी कम नहीं हुई है। आज भी काफी लोग यह मानते हैं कि यदि पटेल भारत के प्रधानमंत्री बने होते, तो भारत का स्वरूप और भी विस्तृत होता। जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि सरदार पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महती भूमिका निभाई है। वे अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में सिद्धांतों के प्रति दृढ़ थे। उन्होंने नैतिकता के उच्च प्रतिमान गढ़े हैं। उन्होंने कहा कि आज देश पर आंतरिक एवं बाहरी खतरे बढ़े हैं। ऐसे में सरदार पटेल के विचारों एवं कार्यों की प्रासंगिकता बढ़ जाती है‌। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ ग्रहण किया। इसमें कहा गया कि मैं राष्ट्र की एकता अखंडता एवं सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित कर लूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयास करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं। इसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं। इस अवसर पर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एन. यादव, डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डॉ. अरविंद कुमार राजेश कुमार घोष, अर्जुन साह, डॉ. सिकंदर गुप्ता, भरत प्रसाद साह, डेविड यादव आदि उपस्थित थे।