BNMU। छात्र संवाद का आयोजन। स्नातक प्रथम खंड 2020-21 में नामांकन को लेकर अहम निर्णय

विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम खंड 2020-21 में नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. के. पी. रमण की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय पुस्तकालय में पूर्वाह्न 11:30 बजे से विश्वविद्यालय छात्र संघ के पदाधिकारियों और सभी छात्र संगठनों के अध्यक्ष/ सचिव या उनके द्वारा नामित प्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजित की गई।

मैं बाबा सिंहेश्वर एवं महामना भूपेंद्र नारायण मंडल को नमन करता हूं. सभी पदाधिकारियों और छात्रों का स्वागत है. सभी छात्रों को हृदय से धन्यवाद देता हूं कि वे हमारे बीच उपस्थित हुए. आप लोग फूलें-फलें और विकसित हों। हमारे विद्यार्थियों पर हमें गर्व है। विद्यार्थियों में क्षमता है। बस अवसर एवं परिवेश की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि निश्चित रूप से आप लोग आगे बढ़ेंगे। हमारे विश्वविद्यालय का नाम होगा। एक शिक्षक तभी खुश होता है, जब उसका विद्यार्थी आगे बढ़ता है। जब विद्यार्थी शिक्षक से आगे चला जाता है, तो शिक्षक को और भी अधिक प्रसन्नता होती है। शिक्षक चाहता है कि वह विद्यार्थी से पराजित हो। गुरु हमेशा गुरु होता है। वह हमेशा विद्यार्थियों का हित चाहता है। इसलिए हम सबों को हमेशा अपने गुरु का आदर करना चाहिए और अनुशासन के साथ अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। विद्यार्थी हमारी सबसे बड़ी शक्ति हैं। विद्यार्थी परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माता है। हमारा भविष्य विद्यार्थी के विकास पर ही निर्भर है। विद्यार्थियों का पहला कर्तव्य अनुशासन है।

हम लोगों के लिए अभी सबसे ज्वलंत समस्या स्नातक प्रथम खंड में नामांकन की है। इस समस्या का समाधान करना जरूरी है। जैसा कि हमें अब तक ज्ञात हुआ है कि एक कंपनी आईटीआई द्वारा पूर्व में एक वर्ष तक काम हुआ। लेकिन उसके दूसरे वर्ष का एक्सटेंशन समाप्त कर दिया गया है। महामहिम कार्यालय से हमें नया टेंडर करने का आदेश प्राप्त हुआ। टेंडर भी हो गया है। अभी यह समस्या है कि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। हम टेंडर ओपन नहीं कर सकते हैं और नया टेंडर हायर भी नहीं कर सकते। इसलिए हम लोग चौराहे पर खड़े हो गए हैं।

स्नातक में नामांकन के अतिरिक्त बाद बाकि जो भी समस्याएं हैं, उसका समाधान कर दिया जाएगा। छात्रों को समय पर नामांकन, समय पर परीक्षा, परीक्षाफल प्रकाशन और प्रमाण पत्र चाहिए। हम इस समस्या का समाधान करेंगे। किसी भी काम को करने में समय लगता है। समय दीजिए हम सभी काम करेंगे। यदि काम नहीं होगा, तब धरना प्रदर्शन कीजिए। नियमानुसार जो भी कार्य होगा, उसमें कोई देरी नहीं होगी और जो कार्य नियमानुसार नहीं होगा, वह किसी भी हालत में नहीं किया जाएगा।

मुझे पूर्व में भी विश्वविद्यालय में कई पदों पर कार्य करने का अवसर मिला है। यह हमारी जन्मभूमि कर्मभूमि दोनों है। कोई भी व्यक्ति जन्मभूमि एवं कर्मभूमि से गद्दारी नहीं कर सकता है। मैं उसके विश्वविद्यालय के प्रति प्रतिबद्ध रहूंगा। मैं जितने पदों पर भी रहा हूं। इमानदारीपूर्वक कार्य किया हूं और आगे भी करूंगा। दुनिया में कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका समाधान नहीं हो। यदि आपका मन पवित्र हो और उद्देश्य स्पष्ट हो, तो कोई भी बाधा नहीं आती है।

बैठक में विभिन्न छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्नातक प्रथम खंड में नामांकन सहित विश्वविद्यालय के अन्य समस्याओं पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न छात्र संगठनों की राय थी कि यदि तत्काल ऑनलाइन नामांकन लेने में परेशानी है, तो ऑफलाइन नामा़ंकन लिया जा सकता है। लेकिन इसमें पूरी तरह से पारदर्शिता अपनाई जाए। बैठक में स्नातक प्रथम खंड में नामांकन के अलावा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में नामांकन सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। छात्र नेताओं ने कई उपयोगी सुझाव भी दिए। बैठक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, छात्र रालोसपा,

छात्र राजद, जन अधिकार छात्र परिषद्, मधेपुरा यूथ एसोसिएशन, एनएसयूआई, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, ओबीसीे फोरम के प्रतिनिधि शामिल थे।कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए ही है। वे हमेशा इस बात का प्रयास करेंगे कि विद्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो।

इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ. अशोक कुमार यादव, कुुुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका, परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवीन कुमार, महाविद्यालय निरीक्षक कला एवं वाणिज्य डॉ. ललन प्रसाद अद्री, महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डॉ. उदयकृष्ण, जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, सीनेटर रंजन कुमार, ईशा असलम, माधव कुमार, रौशन कुमार बिट्टू, सारंग तनय, हर्षवर्धन सिंह राठौर, निशांत यादव, मो. वसीमुद्दीन, दिलीप कुमार दिल, जापानी यादव, मुरारी कुमार, सौरभ कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।