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Poem। कविता। तेरी लाडो। मोनिका राज

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तेरी लाडो

दुआओं को आँचल में लेकर ,
क्यों हुई मेरी विदाई माँ ?
लाँघकर दहलीज़ को तेरे ,
क्या मैं हुई पराई माँ ??

जिस आँगन में बरसों खेला
जिस मिट्टी में मैं पली-बढ़ी ।
उस बगिया को छोड़कर
क्योंकर मैं ससुराल चली ??

कन्यादान औ’ पगफेरे की ,
जाने किसने रस्म बनायी ?
कलतक जो ‘बिट्टो’ थी तेरी ,
आज क्यूँ वो हुई परायी ??

निभाऊंगी हर वादे सारे ,
नहीं पराया धन हूँ मैं ।
मत छोड़ो तुम साथ मेरा, माँ
अब भी तेरी ‘लाडो’ हूँ मैं ।।

– मोनिका राज, पटना विश्वविद्यालय पटना

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।