*वन महोत्सव अंतर्गत पौधारोपण*
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) तथा सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को वन महोत्सव के अंतर्गत पौधारोपण किया गया।
*वैज्ञानिक चेतना से लैस है भारतीय सभ्यता-संस्कृति*
इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता- सह-मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा ने कहा कि भारतीय सभ्यता -संस्कृति वैज्ञानिक चेतना से लैस है। हमारी सभी धार्मिक मान्यताओं के पीछे गहरे वैज्ञानिक निहितार्थ छीपे होते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का निवास माना गया है। इसलिए हम पेड़-पौधों की पूजा करते हैं। यह हमारी पर्यावरणीय जागरूकता का उदाहरण है।
*हमें प्रकृति- पर्यावरण से जोड़ते हैं पर्व-त्योहार*
उन्होंने बताया कि वन महोत्सव एक सप्ताह का वृक्षारोपण उत्सव है। यह जुलाई माह में मनाया जाता है। यह एक महान पारंपरिक भारतीय त्योहार है। यह प्रकृति-पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन को समर्पित है। हमारे अन्य पर्व-त्योहार भी हमें प्रकृति- पर्यावरण से जोड़ते हैं।
*सभी शिक्षण-संस्थानों में हो आयोजन*
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि वन महोत्सव पेड़ों के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को पर्यावरण-संरक्षण के लिए जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। सभी शिक्षण-संस्थानों में यह आयोजन किया जाना चाहिए।
*अधिकाधिक पौधे लगाएं*
प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि पौधारोपण से प्रकृति-पर्यावरण का संतुलन होता है। इससे जल-संरक्षण में भी मदद मिलती है। अतः हमें अधिकाधिक पौधे लगाना चाहिए।
समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि कुलपति प्रो. बी. एस. झा के निदेशानुसार प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव के नेतृत्व में विभाग लगातार प्रगति की ओर अग्रसर है। यहां नियमित रूप से कक्षाओं के संचालन के अतिरिक्त अन्य शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय गतिविधियां भी संचालित हो रही हैं।
इस अवसर पर गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार, बीसीए विभागाध्यक्ष के. के. भारती, नीतीश कुमार, डॉ. रंजन यादव, प्रधान सहायक नारायण ठाकुर, सुनील कुमार, मोती कुमार यादव आदि उपस्थित थे।