*राज्यपाल करेंगे विजयश्री स्मृति व्याख्यानमाला का उद्घाटन*
पटना विश्वविद्यालय, पटना के जयप्रकाश नारायण अनुषद भवन में गुरुवार को सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रो. रमेशचंद्र सिन्हा की धर्मपत्नी प्रो. विजयश्री की स्मृति में 21वाँ प्रो. (डॉ.) विजयश्री स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया है। राष्ट्रबोध विषयक इस व्याख्यानमाला का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां करेंगे। यह जानकारी दर्शन परिषद, बिहार के संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी डॉ. सुधांशु शेखर ने दी।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पटना विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह तथा सम्मानित अतिथि मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रो. एस. पी. शाही एवं नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति प्रो. रविन्द्र कुमार होंगे। इस अवसर पर मुख्य वक्तव्य दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रो. सुधीर सिंह तथा आशीर्वचन रामकृष्ण मिशन आश्रम, मुजफ्फरपुर के सचिव स्वामी भावात्मानंद देंगे।
*पद्मश्री विमल जैन होंगे अध्यक्ष*
उन्होंने बताया कि यह व्याख्यान भारत विकास विकलांग न्यास के सेवा एवं संस्कार प्रकोष्ठ, पटना तथा दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित है। तदनुसार कार्यक्रम के अध्यक्षता न्यास के महासचिव पद्मश्री विमल जैन करेंगे। स्वागताध्यक्ष की भूमिका दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. (डॉ) राजेश कुमार सिंह निभाएंगे।
*प्रो. विजयश्री का संक्षिप्त परिचय*
सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रो. रमेशचंद्र सिन्हा की धर्मपत्नी प्रो. (डॉ.) विजयश्री पटना विश्वविद्यालय, पटना में दर्शनशास्त्र की विदुषी शिक्षिका थीं। आपने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर से स्नातक, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से स्नातकोत्तर तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज से डी. फिल्. (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की थी। छात्र जीवन में आपको सेन्टर ऑफ एडवान्स स्टडीज, बीएचयू द्वारा ‘नेशनल फेलोशिप’ प्रदान की गयी थी। ‘यूजीसी फेलोशिप’ के अन्तर्गत इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शोध कार्य किया।
प्रो. विजयश्री को अध्यापन कार्य के दौरान शोध-कार्य हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली ने ‘शार्ट टर्म फेलोशिप’ तथा भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (आईसीपीआर), नई दिल्ली ने ‘रेजीडेन्स फेलोशिप’ प्रदान की। आपने ‘विटगिंस्टाइन के वैश्लेषिक धर्म-दर्शन’ पर कार्य किया। विभिन्न शोध पत्रिकाओं में आपके अनेक स्तरीय लेख प्रकाशित हैं। ‘महात्मा गाँधी का धर्म-दर्शन’, ‘आगमन तर्कशास्त्र’ एवं ‘ समकालीन भारतीय चिंतक’ आपकी प्रकाशित पुस्तकें हैं।
प्रो. विजयश्री ने अखिल भारतीय दर्शन-परिषद् की संयुक्त मंत्री के रूप में दर्शनशास्त्र के उन्नायन में महती भूमिका निभाई। प्रो. सिन्हा द्वारा आपकी स्मृति में लगातार 21 वर्षों से प्रो. (डॉ.) विजयश्री व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है।