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डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर परिचर्चा आयोजित

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डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर परिचर्चा आयोजित
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भारतरत्न बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर एवं सेहत केंद्र के तत्वावधान में भारत के नव-निर्माण में डॉ. अंबेडकर का योगदान विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत के नव-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। उन्होंने संविधान के माध्यम से भारत के सभी लोगों के लिए स्वतंत्रता, समानता, बंधुता की गारंटी दी।

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि डॉ. अंबेडकर मानव जीवन में नैतिकता के पोषक थे। उन्होंने शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का संदेश दिया और इसके माध्यम से भारत के नवनिर्माण की आधारशिला रखी।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि डाॅ. अंबेडकर केवल दलितों के नेता नहीं थे, बल्कि वे संपूर्ण मानवता के उन्नायक थे। उनके विचारों पर चलकर ही भारत एवं पूरी दुनिया में सामाजिक न्याय एवं शांति आ सकती है।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्ड कुमार ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के विचार हमारे लिए प्रेरणादायी हैं।

इस अवसर पर हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संजीव कुमार सुमन, दर्शनशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार ठाकुर, उर्दू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शहरयार अहमद, रसायनशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष कुमार सेट्ठी, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे।

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। रामचरित मानस में राष्ट्रीय चेतना विषयक संवाद की खबरें विभिन्न समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित। मुख्य वक्ता प्रोफेसर रंजय प्रताप सिंह जी को बहुत-बहुत साधुवाद।