*बीएनएमयू : मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र में नामांकन हेतु पत्र प्रेषित*।
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बीएनएमयू में संचालित मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केंद्र में अधिकाधिक नामांकन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस कड़ी में कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव के आदेशानुसार कुलसचिव प्रो. (डॉ.) मिहिर कुमार ठाकुर ने शुक्रवार को सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों एवं प्रधानाचार्यों को पत्र लिखा है। पत्र में यह अनुरोध किया गया है कि केंद्र में नामांकन हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित किया जाए।
*प्रतिभाओं को मिलेगा अवसर*
डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह ने बताया कि इस केंद्र की शुरुआत पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (बिहार स्टेट बैकवर्ड क्लासेज फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन), पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार सरकार के सौजन्य से हुई है। इसका उद्देश्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग की भागीदारी बढ़ाना है। इसके तहत संबंधित प्रतियोगिता परीक्षाएं यथा- एनईटी, जेआरएफ, जीएटीई, पीएटी, पीएचडी आदि की परीक्षा पूर्व निःशुल्क प्रशिक्षण
(कोचिंग) दी जाती है। इससे इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने का अवसर मिल रहा है।
*31 अक्टूबर तक आवेदन पत्र आमंत्रित*
उपकुलकचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि केंद्र में नामांकन हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2023 तक निर्धारित है। इसमें कुल 120 छात्र-छात्राओं का दो बैच (प्रशिक्षण अवधि 06 माह) संचालित कराया जाएगा। इसमें प्रत्येक बैच के लिए कुल उपलब्ध सीटों (60) में से 40 प्रतिशत (24) पिछड़ा वर्ग तथा 60 प्रतिशत (36) अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए अनुमान्य होगा। अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं की अनुपलब्धता की स्थिति में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को एवं पिछड़ा वर्ग के
छात्र-छात्राओं की अनुपलब्धता की स्थिति में अति पिछड़ा वर्ग के छात्र- छात्राओं का नामांकन किया
जाएगा। दोनों कोटियों में छात्राओं के लिए 33 प्रतिशत छैतीज आरक्षण अनुमान्य है।
उन्होंने बताया कि केंद्र में नामांकन के लिए विद्यार्थियों की आयु सीमा एवं न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता संबंधित कोर्स के अंतर्गत होने वाली
प्रतियोगिता परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हता के अनुरूप होनी चाहिए। छात्र- छात्रा एवं उनके अभिभावक की कुल वार्षिक आय तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इसका लाभ आम छात्रों तक पहुंचाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसे फेसबुक, यू-ट्यूब एवं अन्य सोशल मीडिया पर भी जारी किया गया है। आगे जगह-जगह बैनर लगाया जाएगा और नामांकन प्रक्रिया को गति देने के लिए आवश्यक बैठक भी आयोजित की जाएगी।
*जिला प्रशासन का भी सहयोग*
जिला कल्याण पदाधिकारी रामकृपाल प्रसाद ने बताया कि बीएनएमयू सहित बिहार सरकार ने राज्य के छ: विश्वविद्यालयों में मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केंद्र की स्वीकृति प्रदान की है। इनमें भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के अलावा पटना विश्वविद्यालय, पटना, पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय, पटना, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा एवं भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के नाम शामिल हैं। जिला प्रशासन द्वारा भी केंद्र को हरसंभव सहायता की जा रही है।