*कुलपति की अध्यक्षता में बैठक आयोजित*
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*सभी अपने-अपने दायित्वों का करें निर्वहन : कुलपति*
विश्वविद्यालय का सर्वांगीण विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का सहयोग अपेक्षित है। सभी अपने-अपने दायित्वों का सम्यक् रूप से निर्वहन करेंगे, तो विश्वविद्यालय का विकास होगा।
यह बात कुलपति प्रो. (डॉ.) राजनाथ यादव ने कही। वे गुरुवार को केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्षों एवं सभी विभागाध्यक्षों के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि वे स्वयं नियमित रूप से सभी विभागों एवं महाविद्यालयों का निरिक्षण करेंगे। विश्वविद्यालय के सभी पक्षों के साथ नियमित रूप से सभी विभागों एवं प्रधानाचार्यों संवाद करेंगे। सभी पक्षों की आपसी सहमति से सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। आवश्यकतानुसार राजभवन एवं राज्य सरकार के स्तर से मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का सभी कार्य नियम-परिनियम के अनुरूप हो और प्रशासन में पारदर्शिता रखी जाए। विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, शिक्षक एवं कर्मी समर्पित भाव से कार्य करें।
कुलपति ने सभी संकायाध्यक्षों को निदेश दिया कि वे अपने-अपने संकायान्तर्गत आने वाले विभागों में नियमित रूप से निरीक्षण करें और सभी विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों की पूरे समय तक उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इस हेतु हरसंभव प्रयास किया जाए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है। इसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। आवश्यकतानुसार अतिथि शिक्षकों एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों, विजिटिंग प्रोफेसरों से भी सेवाएं ली जाएंगी।
कुलपति ने कहा कि दुख की बात है कि महाविद्यालयों एवं विभागों में योग्य शिक्षक रहने के बावजूद विद्यार्थी कक्षा में नहीं आ रहे हैं। लेकिन निजी कोचिंगों में भीड़ लगी रहती है। सरकार ने सुबह में कोचिंग को बंद कर काफी सराहनीय कार्य किया है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। एक भी विद्यार्थी कक्षा में आएं, तो भी कक्षा हो। इससे विद्यार्थियों के बीच एवं समाज में भी सही मैसेज जाएगा।
कुलपति ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को कक्षाओं में लाने के लिए प्रेरित करें। उन्हें यह बताएं कि प्रतिभा धन की मोहताज नहीं है। यदि ईमानदारीपूर्वक कठिन परिश्रम किया जाए, तो सफलता मिलनी तय है
कुलपति ने कहा कि
राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय समाज एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप है। इसके अंतर्गत स्नातक स्तर पर सीबीसीएस कोर्स लागू किया गया है। इसके तहत हमें राजभवन द्वारा दिए गए गाइड लाइन का पालन करना है। राजभवन द्वारा निर्धारित समय सीमा अंतर्गत कक्षा शुरू हो और आंतरिक एवं बाह्य परीक्षा आयोजित किया जाए।
कुलपति ने सभी पदाधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और विश्वविद्यालय के हित में समर्पित भाव से कार्य करें। सभी पदाधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि वर्तमान कुलपति के कार्यालय में विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।
इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, डीएसडब्ल्यू प्रो. राजकुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजूम, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान, विद्वत परिषद् सदस्य प्रज्ञा प्रसाद, विकास पदाधिकारी प्रो. (डॉ.) ललन प्रसाद अद्रि, निदेशक (प्रोन्नति कोषांग) प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, वित्त पदाधिकारी अरूण कुमार गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक शशिभूषण, महाविद्यालय निरीक्षक (कला) डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, एनएसएस पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार, निदेशक (खेल) डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, उपकुलकचिव (पंजीयन) डॉ. दीनानाथ मेहता, उपकुलकचिव (अकादमिक) डॉ. दीपक कुमार गुप्ता, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, उपकुलकचिव (परीक्षा) डॉ. अशोक कुमार सिंह एवं डॉ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव सहित कई पदाधिकारी, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।