BNMU सेवा के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर सम्मान समारोह

सेवा के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर सम्मान समारोह

शिक्षक राष्ट्र-निर्माता होते हैं।

उनके ऊपर समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण की जिम्मेदारी होती है।

वे समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं और नए ज्ञान का सृजन कर बेहतर दुनिया बनाने में योगदान देते हैं।

यह बात निदेशक, उच्च शिक्षा, बिहार सरकार प्रो. रेखा कुमारी ने कही।

वे बीएनएमयू के नार्थ कैम्पस में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं।

कार्यक्रम का आयोजन बिहार सरकार के विश्वविद्यालय सेवा आयोग से अनुशंसोपरांत भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा में नियुक्त 1996 बैच के शिक्षकों के सेवा के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर किया गया।

निदेशक ने कहा कि समाज में धन-संपत्ति का उत्पादन करने वालों का काफी महत्व है।

लेकिन इससे भी अधिक महत्व ज्ञान का सृजन एवं उत्पादन करने वाले का होता है।

निदेशक ने कहा कि बीएनएमयू में आकर उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ।

यहां कार्य करने का एक बेहतर माहौल है।

यहां के लोगों में विश्वविद्यालय के विकास के प्रति समर्पण है।

उन्होंने कहा कि बीएनएमयू में विकास की काफी संभावनाएं हैं।

आशा है कि आने वाले दिनों में यह राज्य एवं देश का एक प्रमुख विश्वविद्यालय होगा।

कुलपति प्रो. आर. के. पी. रमण ने कहा कि 1996 बैच के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस बैच के शिक्षक बड़े-बडे़ पदों को सुशोभित कर रहे हैं।

उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का सम्यक् निर्वहन करें।

विश्वविद्यालय के विकास में अपना सर्वोत्तम योगदान दें।

हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तो निश्चित रूप से बीएनएमयू का सर्वांगीण विकास होगा।

कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि वर्तमान कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में गुणात्मक सुधार हुआ है और शिक्षा-व्यवस्था के सभी आयामों को बेहतर बनाने की कोशिश हो रही है।

इसमें राजभवन एवं राज्य सरकार का भी अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि 1996 बैच के शिक्षकों कि वर्ष 2021 में ही पच्चीस वर्ष पूरा हो गया था।

लेकिन कोरोना संक्रमण के ख़तरों के कारण कार्यक्रम स्थगित रखा गया था।

यह सुखद संयोग है कि नववर्ष में यह कार्यक्रम मूर्तरूप ले सका।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से विश्वविद्यालय में एक सकारात्मक माहौल बना है और शिक्षकों में उत्साह का संचार हुआ है।

यह कार्यक्रम नैक मूल्यांकन की दृष्टि से भी मील का पत्थर साबित होगा।

इसके पूर्व सभी अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं केला का पौधा देकर स्वागत किया गया।

अतिथियों ने समाजशास्त्र विभाग में इंडियन सोसियोलाजिकल सोसायटी के सहयोग से 19-20 जनवरी को प्रस्तावित सेमिनार के ब्राउज़र का लोकार्पण भी किया।




इसके अलावा मुख्य रूप से कुलपति एवं निदेशक ने 1996 बैच के सभी शिक्षकों को एक खूबसूरत स्मृति चिह्न एवं स्वर्ण-पदक प्रदान किया।


इनमें डॉ. नरेश कुमार, डॉ. एम. आई. रहमान, डॉ. इम्तियाज अंजुम, डॉ. विमल सागर, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. नरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. उमाशंकर चौधरी, डॉ. डीएन साह, डॉ. सीपी सिंह, डॉ. संजय कुमार मिश्र, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ.सूर्यमणि कुमार आदि के नाम शामिल हैं।
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इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी नरेंद्र प्रसाद सिन्हा, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. राजकुमार सिंह, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. उषा सिन्हा, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो.नवीन कुमार, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, बीएन एमबी कॉलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद कुमार, केपी कॉलेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान, खेल पदाधिकारी डॉ. अबुल फजल, उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर आदि उपस्थित थे।