BNMU संपूर्ण क्रांति : समसामयिक चुनौतियां और युवाओं का दायित्व विषयक ऑनलाइन-ऑफलाइन परिचर्चा आयोजित* ——- संपूर्ण क्रांति का सपना अधूरा : प्रो. मनोज

*परिचर्चा आयोजित*
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संपूर्ण क्रांति का सपना अधूरा : प्रो. मनोज

लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने सन 1974 में सम्पूर्ण क्रान्ति का विचार दिया था। इसमें राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक एवं आध्यात्मिक क्रांतियां शामिल हैं। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है।

यह बात महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) में वर्धा समाज के निदेशक एवं पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार ने कही।

वे सोमवार को संपूर्ण क्रांति : समसामयिक चुनौतियां और युवाओं का दायित्व विषयक ऑनलाइन-ऑफलाइन परिचर्चा में मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा की राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश ने पहली बार 5 जून, 1974 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विशाल जनसमूह के बीच संपूर्ण क्रांति का आहवान किया था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। आज के देश के अधिकांश प्रमुख नेता किसी न किसी रूप में संपूर्ण क्रांति का हिस्सा थे।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण क्रांति का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार मिटाना, बेरोजगारी दूर करना और शिक्षा में क्रान्ति लाना था। यह महज सत्ता-परिवर्तन मात्र से नहीं, वरन् व्यवस्था परिवर्तन से संभव है। यही कारण है कि संपूर्ण क्रांति आज भी अधूरी है।

इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण राजनीति में संघर्ष एवं सुचिता के प्रतीक हैं। आज की राजनीति में जेपी जैसा नेतृत्व ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हमें युवा पीढ़ी को अपने महापुरुषों के बारे में बताने की जरूरत है।

दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि जेपी ने संपूर्ण क्रांति के माध्यम से देश को नई दिशा देने की कोशिश की। उनके अधूरे सपनों को पूरा करने हेतु प्रयास करने की जरूरत है।

मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि जेपी ने युवाओं के दम पर तानाशाही को उखाड़ फेंका। आगे भी हम युवाओं के दम पर ही परिवर्तन ला सकते हैं।

इस अवसर पर मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर में मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार ठाकुर, महाविद्यालय परीक्षा नियंत्रक बीपी यादव, अतिथि व्याख्याता डॉ. राकेश कुमार, डॉ. शहरयार अहमद, डॉ. शंभु पासवान, शिक्षक डॉ. प्रियंका सिंह, सीनेटर रंजन यादव, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, काउंसलि मेम्बर माधव कुमार, अशोक, जूही कुमारी, पूनम यादव, राकेश कुमार, सुशील कुमार, विद्यानंद यादव, श्याम प्रिया आदि उपस्थित थे।