BNMU याद किए गए गांधी

याद किए गए गांधी


महात्मा गांधी के जीवन एवं दर्शन में देश-दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान निहित है। वे भूतकाल में प्रासंगिक थे, वर्तमान में प्रासंगिक हैं और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण ने कही। वे रविवार को महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि गांधी का संपूर्ण जीवन एक आदर्श है। उन्होंने बिना किसी हथियार के अंग्रेजों को भारत से भगाया और विश्व को अपने सामने नतमस्तक कराया।

आज दुनिया उनके पीछे चल रही है।

उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में गांधी-दर्शन को अपनाएंगे, तो हमारा जीवन सफल एवं सार्थक होगा और हमारे समाज एवं राष्ट्र का भी कल्याण होगा।

कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेका ने कहा कि आज गांधी को पूरे विश्व में मान्यता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भी महात्मा गांधी की जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि गांधी ही मानवता के भविष्य हैं। मानवता को बचाने के लिए हमें गांधी को अपने जीवन में अपनाना होगा।

महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डॉ. भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के बारे में जितना कुछ भी कहा जाए, वह कम है। उनकि परिचय देना सूरज को दिया दिखाने के समान है।

उप कुलसचिव स्थापना डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि सत्य एवं अहिंसा हमारा सहज स्वाभाव है। इस पर चलने के लिए हमें कोई अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत नहीं है। बस इतना ही पर्याप्त है कि हम हिंसा एवं असत्य का साथ छोड़ दें।

कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव ने कहा कि हम अहिंसा एवं प्रेम के बल पर दुसरों का दिल जीत सकते हैं और उनके विचार एवं व्यवहार में परिवर्तन भी ला सकते हैं। यह काम हिंसा एवं भय के माध्यम से संभव नहीं है।

कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. अभय कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक प्रो. आरपी राजेश ने की।

इसके पूर्व कुलपति सहित सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि किया।

विभिन्न वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया।

इस अवसर पर क्रीड़ा परिषद् के उपसचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, प्रशाखा पदाधिकारी (सामान्य) च़द्रकिशोर गुप्ता, राजेश कुमार, सीएस पांडेय आदि उपस्थित थे।