NSS उद्देश्यपूर्ण जीवन ही सार्थक है : डॉ. एम. आई. रहमान

*उद्देश्यपूर्ण जीवन ही सार्थक है : डॉ. एम. आई. रहमान*

युवावस्था जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। इसी अवस्था में हमारे संपूर्ण जीवन की दशा एवं दिशा तय होती है। अतः युवावस्था का उद्देश्यपूर्ण होना अत्यंत आवश्यक है।


यह बात मनोविज्ञान विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) एम. आई. रहमान ने कही।

वे बुधवार को युवाओं की मनोवैज्ञानिक समस्याएं एवं समाधान विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा की राष्ट्रीय सेवा योजना, इकाई प्रथम के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने कहा कि तेज गति से बदल रही दुनिया का युवाओं पर काफी कुप्रभाव पड़‌ रहा है। आज युवा आधुनिकता की चकाचौंध में भटकाव की ओर अग्रसर हैं। मनोविज्ञान के सहारे हय भटके हुए युवाओं को सही दिशा में ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि समाज एवं राष्ट्र का विकास युवाओं पर निर्भर करता है। इसलिए युवाओं की उर्जा को राष्ट्रहित में लगाने की जरूरत है। इसके लिए युवाओं को उद्देश्यपूर्ण एवं सार्थक जीवन की तलाश करनी होगी। युवाओं को अपनी क्षमता पहचाननी होगी और उसे सामाजिक विकास हेतु उपयोग में लाना होगा।

उन्होंने बताया कि जीवन में उद्देश्य की उपस्थिति सकारात्मक गतिविधियों एवं युवा विकास का महत्त्वपूर्ण घटक है। युवा विकास के लिए सतर्कता एवं सकारात्मकता को अपनाने की जरूरत है। युवाओं को आत्मसम्मान और आत्म-पहचान के विकास में मनोविज्ञान की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि युवा विकास का मकसद केवल रोजगार प्राप्ति हेतु कौशल का विकास ही नहीं है, बल्कि युवाओं का सर्वांगीण विकास है। युवा विकास द्वारा व्यक्ति को तर्कपूर्ण एवं ज्ञान से परिपूर्ण सोच का विकास और उन्हें अपने उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु योग्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।


उन्होंने बताया कि युवाओं पर कोविड 19 का गहरा प्रभाव पर पड़ा है और आधुनिक तकनीकी ने भी युवाओं के मानसिक स्वास्थ के लिए चुनौती उत्पन्न कर दी है। आईटी क्रांति से सामाजिकता में कमी आई है और शारीरिक श्रम करने की आदतें छूट गई हैं। युवा इंटरनेट पर दिनरात समय बिताते हैं और साइबर अपराध आदि में फंस रहे हैं। इसके अलावा युवा नशीली दवाओं का उपयोग और शारीरिक, मानसिक एवं यौन अपराध के दलदल में फंस गए हैं। इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और जगह-जगह काउंसलिंग सेंटर खोलने की जरूरत है।

*शिक्षा ही हमें मनुष्य बनती है*
दूसरे व्याख्यान कर्ता शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. जावेद अहमद ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करती है और हमें सही मायने में मनुष्य बनती है। यह मानव को गरिमा प्रदान करती है। शिक्षा के बगैर मनुष्य पशु के समान है।

उन्होंने बताया कि इसके द्वारा व्यवहार में परिवर्तन कर जा मनुष्य को कुशल जीवन- यापन के योग्य बनाया जा सकता है। यह व्यक्ति में सहयोग, सहनशीलता तथा सामाजिकता का विकास करती है। इसका उद्देश्य जनतांत्रिक नागरिकता का विकास करना है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति में व्यावसायिक कुशलता
उत्पन्न करती है, जिससे इन्सान अपने इच्छानुसार व्यावसाय का चयन करता है और अपने जीवन को नया आयाम प्रदान करता है। इससे हमारे व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में समृद्धि आती है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से सामाजिक प्रगति एवं राष्ट्रीय एकता का विकास होता है। यह व्यक्ति एवं सामाज को अन्धकार में निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती है।

अतिथियों का स्वागत एनएसएस समन्वयक डॉ. अभय कुमार ने किया। संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने राष्ट्रनायक स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और महाविद्यालय के संस्थापक महामना कीर्ति नारायण मंडल के चित्र पर पुष्पांजलि किया। अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।

इस अवसर पर कै. गौतम कुमार, ले. गुड्डू कुमार, डॉ. अमिताभ कुमार, डॉ. राकेश कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, नयन रंजन, मेघा कुमारी, ममता कुमारी, रिंकी कुमारी, एकता कुमारी, जूही कुमारी, मनीषा कुमारी, पल्लवी कुमारी, प्रवेश कुमार, ऐश्वर्या आनंद, अमित कुमार, मुकेश कुमार, मिथिलेश कुमार, कोमल कुमारी, दीपक कुमार, रवि रोशन कुमार, उदय कुमार, राजेश कुमार, सुनीता कुमारी, नूतन कुमारी, पूनम कुमारी, कोमल कुमारी, झूमा कुमारी,मनीषा भारती, पूजा मेहता, धीरज कुमार, सुनैना कुमारी, खुशबू कुमारी, दिव्या भारती, मारुति, श्याम किशोर, सोनी भारती, सरिता कुमारी, काजल कुमारी, जूही कुमारी, प्रेरणा, अंजली कुमारी आदि उपस्थित थे।

*परिचर्चा के विषय निर्धारित*
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को समाजसेविका प्रीति गोपाल (महिला- सशक्तिकरण एवं उद्यमिता) तथा क्रीड़ा परिषद् के उप सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र (एड्स एवं युवाओं की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं), शनिवार को केपी कालेज मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान (शिक्षा और सामाजिक न्याय), रविवार को निदेशक आईक्यूएसी डॉ. नरेश कुमार (पर्यावरण- संरक्षण) विषय पर व्याख्यान देंगे। सातवें दिन सोमवार को सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रस्तुति होगी और समापन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।