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Sehat_Samvad सेहत केन्द्र एवं प्रांगण रंगमंच के संयुक्त तत्वावधान में सेहत संवाद कार्यक्रम आयोजित। स्वास्थ्य को समग्रता में समझने की जरूरत : डाॅ. फारूक अली।

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स्वास्थ्य को समग्रता में समझने की जरूरत : डा. फारूक अली

*स्वस्थ वही है, जो शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक तीनों दृष्टियों से समस्यारहित हो*

मधेपुरा। स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों का अभाव नहीं है। साथ ही मोटा-तगड़ा शरीर होने मात्र से व्यक्ति सेहतमंद नहीं हो जाता है। बल्कि सही मायने में सेहतमंद वही है, जो शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक तीनों दृष्टियों से समस्यारहित है। इसलिए हमें स्वास्थ्य को समग्रता में देखने की जरूरत है।

यह बात जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. (डाॅ.) फारूक अली ने कही।

वे शुक्रवार को नेशनल डाक्टर्स डे पर आयोजित सेहत संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। यह आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में संचालित सेहत केंद्र और प्रांगण रंगमंच, मधेपुरा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

*ईश्वर प्रदत्त उपहार है सेहत*

उन्होंने कहा कि सेहत व्यक्ति को ईश्वर द्वारा प्रदत्त एक महत्वपूर्ण
उपहार है। स्वस्थ व्यक्ति से ही स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र का निर्माण होता है। जो समाज एवं राष्ट्र अपने नागरिकों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा की अनदेखी करता है, वह कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता है।

*धरती के भगवान हैं डाक्टर*

उन्होंने कहा कि डाक्टर को धरती का भगवान माना जाता है। प्राचीन काल में हमारे वैद्य मानवसेवा के प्रति समर्पित रहते थे और समाज के लिए जीते थे। इधर कोरोनाकाल में भी हमारे सैकड़ों डाक्टरों ने मरीजों की सेवा में अपने जीवन का बलिदान कर दिया। डाक्टर्स डे उन सभी डाक्टरों को याद करने और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का दिन है।

*शरीर का महत्वपूर्ण अवयव है रक्त*

इस अवसर पर डा. आर. के. पप्पू ने रक्ताल्पता की समस्या एवं समाधान विषय पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रक्त हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अवयव है। रक्त संचार के माध्यम से ही हमारे शरीर के हर हिस्से तक आवश्यक पोषक तत्व एवं ऑक्सीजन पहुंचते हैं।

*जीवन के लिए घातक है एनीमिया*
उन्होंने कहा कि शरीर में खून की कमी या खून में हिमोग्लोबीन की कमी को एनिमिया कहा जाता है। इसके कारण थकान, कमजोरी, चक्कर आने जैसी समस्याएं और गठिया, कैंसर एवं किडनी आदि से संबंधित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह जीवन के लिए घातक भी साबित हो सकती है।

*42 प्रतिशत आबादी एनीमिक*
उन्होंने बताया कि भारत की लगभग 42 प्रतिशत आबादी एनीमिया से पीड़ित है। यह सिर्फ महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी होती है। अतः हम सबों को इससे बचने का प्रयास करना चाहिए। हमें अपने खानपान में सुधार करना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। साथ ही भोजन में हरी पत्तेदार साग, केला, दाल, मछली आदि को शामिल करना चाहिए।

*भारत में ठीक नहीं है महिला स्वास्थ्य की स्थिति*

महिला चिकित्सक डा. नायडू कुमारी ने महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएँ एवं समाधान विषय पर परामर्श दिया।

उन्होंने कहा कि भारत में महिला-स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है। हमारे समाज की महिलाएं अपने परिवार का तो ध्यान रखती हैं, लेकिन अपना ख्याल नहीं रखती हैं। इसलिए प्राय: महिलाओं को पोषण तत्व कम मिल पाता है और उनमें रक्त की भी कमी हो जाती है।

*सामाजिक समस्या भी है रक्त की कमी*

उन्होंने कहा कि महिलाओं में रक्त की कमी एक चिकित्सीय समस्या के साथ- साथ एक सामाजिक समस्या भी है। प्राय: कम उम्र में शादी होने के कारण बालिकाओं को रक्त की कमी का सामना करना पड़ता है और कई अन्य समस्याएँ भी आती हैं। बालिकाओं की शादी 18 वर्ष के बाद ही करनी चाहिए।

*आधुनिक जीवनशैली स्वास्थ्य के लिए हानिकारक*

उन्होंने बताया कि आधुनिक जीवनशैली के जाल में पड़कर भी महिलाएं अपना स्वास्थ्य खराब कर लेती हैं। फास्टफूड खाना और वजन कम करने के लिए डायटिग करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। डायटिग करने या कम खाने से वजन और बढ़ सकता है। अत: डायटिग नहीं करें, बल्कि संतुलित आहार लें।

कार्यक्रम का संचालन सीएम साइंस कालेज, मधेपुरा के डाॅ. संजय कुमार परमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने की।

इस अवसर पर प्रांगण रंगमंच की तनुजा कुमारी ने सुमधुर संगीत की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान ने तकनीकी पक्ष संभाला।

इस अवसर पर डाॅ. कुदंन कुमार सिंह, डाॅ. नदीम अहमद, डाॅ. आशुतोष झा, प्रिंस यादव, सारंग तनय, माधव कुमार, प्रियंका कुमारी, जूही राज, अमित आनंद, चंदन कुमार, अमरेश कुमार, नीरज कुमार, गुलअफशां प्रवीण, डेविड यादव, आयशा, रूबी कुमारी, अशोक कुमार, रेणुका रंजन, विक्की कुमार, गौरव कुमार सिंह,आशीष कुमार, चंदन कुमार, रिंकू कुमारी, बबलू कुमार, मनीष कुमार, अभिषेक कुमार, अभिषेक जोशी, पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।

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