Yoga अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

*अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन*
अकाट्य है योग : प्रति कुलपति
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योग विश्व को भारत की बहुमूल्य देन है। दुनिया के कल्याण में इसकी उपयोगिता अकाट्य है। यह बात बीएनएमयू प्रति कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आभा सिंह ने कही।
वे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के तत्वावधान में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम का उद्घाटन कर रही थीं। कार्यक्रम में 17 बिहार बटालियन एनसीसी अंतर्गत मधेपुरा जिलेके विभिन्न महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के कैडेट एवं राष्ट्रीय सेवा योजना मधेपुरा, कॉलेज मधेपुरा के स्वयंसेवकों ने भाग लिया।

उन्होंने बताया कि योग के आठ अंग माने गए हैं ।
यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि। इसमें पाँच योग की पहली कड़ी है। ये पांच हैं यथा- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य एवं और अपरिग्रह। महात्मा गांधी ने भी इन सदगुणों का पालन आवश्यक माना है।

उन्होंने कहा कि योग हमारे शरीर, मन एवं आत्मा के बीच समन्वय स्थापित करता है। यह शरीर को मन से, आत्मा को परमात्मा से और व्यष्टि को समष्टि से जोड़ता है।

उन्होंने कहा कि योग भारतीय दर्शन, संस्कृति एवं परंपरा में आदिकाल से शामिल है। महर्षि पतंजलि के हजारों वर्ष पूर्व भी भारत में योग की विभिन्न पद्धतियों का उल्लेख है।

उन्होंने कहा कि ही योग संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति का श्रेयष्कर मार्ग है, जो पहले से ही रोग को आने से रोकने का उपाय सुझाता है। हमारे ॠषि-मुनि योग के इस महात्म्य को जानते थे और वे योगशक्ति के बल पर दीर्घजीवी होते थे। आज भी हम योग को अपनाकर दीर्घकाल तक निरोगी जीवन जी सकते हैं और भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति के शिखर पर पहुंच सकते है।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा नैतिक नियम यही है कि हम दूसरों के साथ वही व्यवहार करें, जो हम चाहते हैं कि दूसरे हमारे साथ करें। हमें आत्मानुशासित रहना चाहिए। दूसरा हमें देख रहा हो या ना देख रहा हो, सर्वप्रथम हम अपने आप को देख रहे होते हैं। सबसे बड़ा निर्णायक व्यक्ति स्वयं होता है। मुझे कोई देखे या ना देखे मैं वहीं काम करूँ, जो सही है।

प्रधानाचार्य डाॅ. अशोक कुमार ने कहा कि वर्ष 2015 से वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया योग की ओर आकर्षित है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग की वैश्विक महत्ता का प्रमाण है।

एनसीसी पदाधिकारी कै. गौतम कुमार ने कहा कि योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भारत सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई एवं प्रशंसा के पात्र हैं।

उप कुलसचिव (अकादमिक) डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर भी प्रत्येक वर्ष योग दिवस मनाया जाता रहा है। विश्वविद्यालय में पीजी डिप्लोमा इन योग कोर्स भी शुरू करने के लिए कमिटी का गठन किया गया है।

योग शिक्षिक डाॅ. एन. के. निराला ने कहा कि योग करेंगे, तो सभी बीमारियों से बच सकते हैं।

 

इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। योग शिक्षिक के मार्गदर्शन में सबों ने योगाभ्यास किया। विभिन्न योगासनों के अलावा कपालभाति, भ्रामरी आदि प्राणायामों का अभ्यास किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अशोक कुमार ने की। संचालन कैप्टन गौतम कुमार और धन्यवाद ज्ञापन मनोज भटनागर ने किया

इस अवसर पर डॉ. आरती झा, मोहम्मद सुएब आलम, डॉ. रत्नाकर भारती, डॉ. रूपा कुमारी, डॉ. सच्चिदानंद, चंदेश्वरी यादव, दिनेश प्रसाद, विवेक कुमार, गजेंद्र प्रसाद यादव, जय नारायण, डॉ. महेश्वर यादव, शंकर आर्य, लीला कुमारी, किरण कुमारी, शंभु कुमार, शंकर कुमार सहित मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा एवं रास बिहारी महाविद्यालय आदि के विद्यार्थी उपस्थित थे।