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Books अत्यावश्यक सूचना ———— आप सबों की सेवा में कुछ पुस्तकों का विवरण प्रस्तुत है। आप चाहें, तो आमंत्रित मूल्य पर उसे प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी हेतु संपर्क-7209030819

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अत्यावश्यक सूचना
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आप सबों की सेवा में कुछ पुस्तकों का विवरण प्रस्तुत है। आप चाहें, तो आमंत्रित मूल्य पर उसे प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी हेतु संपर्क-7209030819

——-विवरण—–
1. दार्शनिक विमर्श, संपादक- प्रो. (डाॅ.) प्रभु नारायण मंडल, मूल्य – ₹1000, आमंत्रित मूल्य – ₹500

2. मानववाद : संदर्भ एम.एन. राय एवं डॉ. आंबेडकर, लेखक- डाॅ. हिमांशु शेखर सिंह, मूल्य – ₹150, आमंत्रित मूल्य – ₹100

3. सामाजिक न्याय : अंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य- ₹250, आमंत्रित मूल्य- ₹175

4. गाँधी-विमर्श, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य- ₹150, आमंत्रित मूल्य- ₹100

5. धर्मांतरण और गाँधी, लेखक- डाॅ. सुरेश भारद्वाज, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹175

6. धार्मिक कथन : साथर्कता एवं सत्यता, लेखक- डाॅ. वीणा कुमारी, मूल्य – ₹200, आमंत्रित मूल्य – ₹150

7. रेशनलिटी, साइंस एंड थियोलॉजी, संपादक- प्रो. (डाॅ.) डी. एन. यादव, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹200

8. इकोबायोडायवर्सिटी एंड मैनेजमेंट ऑफ वेटलैंड्स, संपादक- डाॅ. अजय कुमार एवं डॉ. ओ. पी मंडल, मूल्य – ₹500, आमंत्रित मूल्य – ₹300

9. भूमंडलीकरण और पर्यावरण, लेखक- डाॅ. सुधांशु शेखर, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹100

10. भूमंडलीकरण और मानवाधिकार, संपादक- प्रो. (डाॅ.) फारूक अली, मूल्य- ₹200, आमंत्रित मूल्य- ₹125

11. शिक्षा और समाज, संपादक- प्रो. (डाॅ.) फारूक अली, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹100

12. भारतीय शिक्षा दर्शन, लेखक- डाॅ. अशोक कुमार सिंह, मूल्य – ₹150, आमंत्रित मूल्य – ₹100

13. भारत में स्त्री सशक्तिकरण, लेखक- डाॅ. शीतांशु शेखर, मूल्य – ₹200, आमंत्रित मूल्य – ₹150

14. स्वतंत्र भारत में महिला-सशक्तिकरण, लेखक- डाॅ. मो. इफ्तेखार, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹200

15. मन्नू भंडारी का स्त्री- विमर्श, लेखक- डाॅ. सुनीता कुमारी बास्की, मूल्य – ₹300, आमंत्रित मूल्य – ₹200

16. झारखंड का आदिवासी समाज : कल और आज, लेखक- डाॅ. अमित कुमार, मूल्य – ₹299, आमंत्रित मूल्य – ₹150

17. झारखंड में पंचायती राज, लेखक-डाॅ. सुरेश भारद्वाज, मूल्य – ₹200, आमंत्रित मूल्य – ₹150

18. बिहार में राष्ट्रपति शासन, लेखक- डाॅ. आनंद आजाद, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹175

19. अंतरराष्ट्रीय संबंध, लेखक- डाॅ. नेहा मधु, मूल्य – ₹300, आमंत्रित मूल्य – ₹150

20. अनंङहर्ष की नाट्य कला, लेखक- प्रो. (डाॅ.) मोहन मिश्र, मूल्य – ₹560, आमंत्रित मूल्य – ₹250

21. शबरी ( अंगिका काव्य), लेखक- डाॅ. अमरेंद्र, मूल्य – ₹20, आमंत्रित मूल्य – ₹10

22. लोजी (प्रतियोगिता परीक्षाओं में उपयोगी), संपादक- प्रो. (डाॅ.) फारूक अली, मूल्य – ₹50 आमंत्रित मूल्य – ₹30

23. अंगिका साहित्य के वैज्ञानिक इतिहास (प्रश्नोत्तरी), संपादक- प्रो. (डाॅ.) मधुसूदन झा, मूल्य – ₹250, आमंत्रित मूल्य – ₹100

सहयोग राशि भेजने हेतु विवरण : Gpay/paytm/phonepe on 7209030819

AC NO. : 20083635060
IFSC : SBIN0000243
NAME : GOURAV KUMAR SINGH
BANK : STATE BANK OF INDIA

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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