BNMU याद किए गए दिनकर। दिनकर का व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रेरणादायी : डॉ. जवाहर।

*याद किए गए दिनकर*
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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974) आधुनिक भारत के निर्माताओं में एक हैं। उन्होंने भारतीय साहित्य, समाज एवं राजनीति को गहरे रूप से प्रभावित किया है। आज भारत का जो स्वरूप है, उसमें उनकी भी बड़ी भूमिका है। हम आज भी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा ग्रहण कर सकते हैं।

यह बात के. पी. कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान ने कही।

वे रविवार को रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा की ओर से डॉ. अंबेडकर कल्याण छात्रावास में किया गया।

*पद्म विभूषण से अलंकारित थे दिनकर*
डॉ. जवाहर ने बताया कि दिनकर को साहित्य एवं समाज में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित एवं अलंकारित किया गया। इनमें देश का द्वितीय सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण शामिल है। इसके अलावा उन्हें संस्कृति के चार अध्याय के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा उर्वशी के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था।

*बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे दिनकर*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि दिनकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी, उर्दू, राजनीति विज्ञान एवं दर्शनशास्त्र का गहन अध्ययन किया था। उन्होंने सड़क से लेकर संसद तक अपनी विद्वत्ता का परचम लहराया था। उन्होंने संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के कुलपति और भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार के रूप में कार्य किया।

*सही मायने में राष्ट्रवादी थे दिनकर*

उन्होंने कहा कि दिनकर सही मायने में राष्ट्रवादी थे। वे देश के सभी नागरिकों को एक समान मानते थे और सभी से प्रेम करते थे।

इस अवसर पर एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डू कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, डॉ. अंबेडकर कल्याण छात्रावास के छात्र नायक प्रिय रंजन, नयन रंजन, ओम रंजन, आशीष कुमार, मनीष मेहरा, दीपक कुमार, सचिन कुमार, पारस मणि पारस, शिवशंकर राम, सतीश कुमार, नवनीत कुमार, भवेश कुमार, कुंदन कुमार, चन्दन कुमार, मिथिलेश कुमार, सुमन कुमार, अजीत कुमार, राजू कुमार आदि उपस्थित थे।