BNMU व्याख्यान 25 मार्च, 2022 को

व्याख्यान 25 मार्च को
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में 25 मार्च को सामाजिक समस्याओं का दार्शनिक समाधान विषयक एक व्याख्यान का आयोजन किया गया है। इसमें मुख्य वक्ता पटना विश्वविद्यालय, पटना में दर्शनशास्त्र विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एन. पी. तिवारी होंगे। यह जानकारी बीएनएमयू के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने दी।

*दर्शन का है सामाजिक सरोकार*
डॉ. शेखर ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य दर्शनशास्त्र के संबंध में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना है। उन्होंने बताया कि यह एक भ्रान्ति है कि दर्शन मात्र अमूर्त चिंतन है और इसका जीवन एवं जगत की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। वास्तव में भारतीय दर्शन का हमेशा माननीय मूल्यों, नैतिक संस्कारों एवं सामाजिक सरोकारों का पोषक रहा है। भारत में दर्शन का जन्म ही सभी प्रकार के दुखों को दूर करने और संपूर्ण चराचर जगत की मुक्ति एवं कल्याण के लिए हुआ है।

*पूर्व कुलपति होंगे मुख्य अतिथि*
डॉ. शेखर ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि के. पी. कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान एवं सम्मानित अतिथि हिंदी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. वीणा कुमारी होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव करेंगे।

कौन हैं प्रोफेसर नरेश प्रसाद तिवारी ?
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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर डाॅ. नरेश प्रसाद तिवारी जून 2016 में विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना से प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं। आपके कई आलेख राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। आपने ग्यारह पुस्तकों की रचना की है। इनमें से एक पुस्तक भाषा विषलेषण : भारतीय को 2016 में अखिल भारतीय दर्शन परिषद् द्वारा पुरस्कृत किया गया है।

डॉ. तिवारी का बीएनएमयू से काफी लगाव रहा है। आपने 8 जून, 2020 आत्मविकास की अवधारणा : संदर्भ अद्वैत वेदांत विषयक आनलाइन व्याख्यान दिया था। साथ ही 5 मार्च, 2021 को अपने दर्शनशास्त्र विभाग, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित दर्शन परिषद्, बिहार के 42 वें अधिवेशन में सिया देव, माधवपुर (खगड़िया) व्याख्यान दिया था।