BNMU राष्ट्रीय सेमिनार की तैयारी को लेकर बैठक

राष्ट्रीय सेमिनार की तैयारी को लेकर बैठक
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में 29-30 नवंबर, 2021 को आयोजित होने वाले राष्ट्रवाद : कल, आज और कल विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन हेतु एक बैठक प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

*कमिटियों का गठन*

बैठक में आयोजन को अंतिम रूप देने हेतु विभिन्न कमिटियों का गठन किया गया है। विभिन्न कमेटियों को कार्यक्रम स्थल की सजावट, अतिथियों के भोजन एवं आवास, यातायात आदि की व्यवस्था करने और स्मारिका प्रकाशन की जिम्मेदारी दी गई है। कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण (प्रधान संरक्षक) एवं प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह (संरक्षक) होंगे।

*प्राप्त हो चुका है संदेश*

आयोजन सचिव डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि स्मारिका के लिए उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यपाल फागू चौहान सहित कई गणमान्य लोगों के शुभकामना संदेश प्राप्त हो चुके हैं।

*25 नवंबर तक भेजे गए आलेख स्वीकार्य*

उन्होंने बताया कि स्मारिका में केवल चुने हुए आलेख ही प्रकाशित होंगे। विषय से इतर आलेख स्वीकार्य नहीं है। प्रतिभागियों के अनुरोध को देखते हुए 25 नवंबर तक भेजे गए आलेखों को भी स्मारिका में स्थान देने की कोशिश की जाएगी। लेकिन पीडीएफ फार्मेट में अथवा हस्तलिखित भेजा गया आलेख प्रकाशित नहीं हो सकेगा। आलेख प्रकाशन के संबंध में संपादक मंडल का निर्णय अंतिम होगा।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के बाद चुने हुए उत्कृष्ट आलेखों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। इस हेतु प्रतिभागी सेमिनार के दौरान अपना नाम सूची में दर्ज करा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि ऑफलाइन कार्यक्रम में केवल आमंत्रित वक्ता एवं मात्र पंजीकृत प्रतिभागी ही भाग ले सकेंगे। जो प्रतिभागी अब तक पंजीयन नहीं करा पाए हैं, वे ऑनस्पाॅट पंजीयन करा सकेंगे। पंजीयन शुल्क शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए 700 रू. और शिक्षकों एवं अन्य के लिए 1000 रू. निर्धारित है।

कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बाद में स्वयं मधेपुरा आकर अथवा अपने किसी प्रतिनिधि के साथ रसीद भेजकर सर्टिफिकेट मंगवाना होगा। विशेष परिस्थित में डाक से भी सर्टिफिकेट भेजा जाएगा।

*देश-विदेश के वक्ता लेंगे भाग*

उन्होंने बताया कि सेमिनार में देश-विदेश के वक्ता भाग लेंगे। इनमें माधव तुर्मेला (लंदन), डाॅ. गोविंद शरण (नेपाल), पद्मश्री प्रोफेसर डाॅ. रामजी सिंह (पटना), आईसीपीआर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा (नई दिल्ली), अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. जटाशंकर (प्रयागराज), भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. राजकुमारी सिन्हा (राँची), जयती कपूर (महाराष्ट्र), डाॅ. सुधीर कुमार (नई दिल्ली), डाॅ. विजय कुमार (भागलपुर) एवं सुशिम दुबे (नालंदा) प्रमुख हैं।

*राष्ट्रवाद से संबंधित आलेख होंगे स्वीकार्य*
उन्होंने बताया कि सेमिनार में राष्ट्रवाद से संबंधित किसी भी विषय आलेख स्वीकार्य हैं। इसमें राष्ट्रवाद की भारतीय, यूरोपीय, वैदिककालीन, जैनकालीन, बौद्धकालीन, मुगलकालीन एवं ब्रिटिशकालीन अवधारणा, राष्ट्रवाद के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक आयाम, स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, रवीन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, वीर सावरकर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदि के राष्ट्रवाद से संबंधित विचार प्रमुख हैं। इसके अलावा राष्ट्रवाद से जोड़कर पुनर्जागरण, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, अंतरराष्ट्रीयतावाद, भूमंडलीकरण आदि अन्य विषयों पर लिखे गए आलेख भी स्वीकार्य होंगे।