BNMU *ऑनलाइन गाँधी प्रश्नोत्तरी का परिणाम जारी। अहिंसा को मिला प्रथम स्थान

*ऑनलाइन गाँधी प्रश्नोत्तरी का परिणाम जारी*

*अहिंसा को मिला प्रथम स्थान*

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में गाँधी चले विद्यार्थियों की ओर कार्यक्रम के तहत संपन्न हुए ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में अहिंसा टीम (9 अंक) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सर्वोदय (8 अंक) द्वितीय और सत्य एवं करुणा (6-6 अंक) संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रही। सत्याग्रह टीम चार अंक के साथ अंतिम पायदान पर रही। सभी टीमों में दो-दो प्रतिभागी (क्वीज मेम्बरस) शामिल थे।

*नहीं थे निगेटिव अंक*
यह प्रश्नोत्तरी 4 राउंड तक चली। इसमें मूल प्रश्नों के लिए दो अंक (45 सेकंड) एवं बोनस प्रश्नों के लिए एक अंक (30 सेकंड) निर्धारित था। गलत जबाब देने पर नेगेटिव मार्किंग का नियम नहीं था।

*पूछे गए कई रोचक प्रश्न*
प्रश्नोत्तरी में कई रोचक प्रश्न पूछे गए। पहले राउंड में गाँधी के जीवन के शुरूआती दिनों से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इनमें गाँधी जी के बचपन का क्या नाम था? (मोनिया) गाँधी किस वर्ष कानून की पढ़ाई करने लंदन गए थे? (1888) गाँधीजी को ‘रामनाम’ का जाप करने किसने सिखाया ? (रंभा) गाँधीजी के भाई का नाम बताइये जिन्होंने उन्हें लंदन जाने में मदद की? (लक्ष्मीदास) गाँधीजी ने लंदन जाने से पहले कौन सा तीन वचन (व्रत) लिया ? (मदिरा, महिला एवं माँस से दूर रहना)

दूसरे राउंड में गाँधी के विभिन्न आंदोलनों से संबंधित प्रश्न पूछे गए। गाँधी दक्षिण अफ्रीका में कितने वर्ष रहे? (21 वर्ष) चंपारण में तीन कठिया के तहत कौन सी फसल उगाई जाती थी ?(नील) गाँधी ने असहयोग आंदोलन कब शुरू किया? (1920) गाँधी ने किस आंदोलन के समय ‘करेंगे या मरेंगे’ का मंत्र दिया? (भारत छोड़ो आंदोलन) आदि।

तीसरे राउंड में गाँधी से संबंधित कई रोचक प्रश्न पूछे गए। गाँधी सामान्यतः भारत में रेल के किस डिब्बे से यात्रा करते थे? (तीसरे) गाँधी से यूरोपीय जज ने डरबन की अदालत में क्या करने को कहा था ?(पगड़ी उतारने) 1930 के सत्याग्रह का मुख्य मुद्दा क्या था? (नमक कानून को तोड़ना) गाँधी को दक्षिण अफ्रीका में किस नीति का आमना- सामना करना पड़ा ? (रंगभेद) सीमांत गाँधीजी किन्हें कहा जाता है ? (खान अब्दुल गफ्फर खान)

चौथे राउंड में तस्वीर को पहचानने कहा गया। इसमें रवींद्र नाथ टैगोर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, विनोबा भावे, सरोजनी नायडू आदि के चित्रों की पहचान कराई गई।

*हुए कई कार्यक्रम*
इसके पूर्व कार्यक्रम की
शुरूआत गाँधी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाण रे …’ से हुई। इसके अलावा ऑनलाइन गाँधी-कथा सुनाई गई और गाँधी के जीवन से संबंधित स्लाइड-शो दिखाया गया। साथ ही सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं सहभागियों को ऐतिहासिक राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय का वर्चुअल सैर कराया गया।

*देश के चालीस संस्थानों में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय का भी चयन*
मालूम हो कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय, नई दिल्ली और नेशनल बैकवार्ड क्लास फाइनेंस एंड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन (एनबीसीएफडीसी), नई दिल्ली के सौजन्य से आयोजित किया गया था। गाँधी संग्रहालय द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु देश के चालीस संस्थानों में बिहार से एकमात्र ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय का चयन किया गया था।

*कई गणमान्य लोग हुए उपस्थित*
कार्यक्रम में विशेष रूप से इस अवसर पर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आर. के. पी. रमण, एनबीसीएफडीसी के पूर्व प्रबंध निदेशक के. नारायण, राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय के निदेशक ए. अन्नामलाई, क्यूरेटर अंसार अली, संग्रहालय के अजय कुमार आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने की। अतिथियों का स्वागत दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ. सुधांशु शेखर (आयोजन सचिव) ने किया। कार्यक्रम का संचालन संग्रहालय की दीपावली उजलायन एवं धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की कुंमारी मोक्षदा ने किया।