BNMU काव्य पाठ का आयोजन

काव्य पाठ का आयोजन
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित काव्य-पाठ में कवियों ने विभिन्न सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया और मानवीय संवेदनाओं को स्वर देने की कोशिश की।

इस अवसर पर कुलानुशासक सह अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. विश्वनाथ विवेका ने अपनी व्यंग्य कविताओं एवं गजलों से श्रोताओं का काफी मनोरंजन किया। उनकी रचना नासूर को लोगों ने खूब सराहा। इसमें उन्होंने कहा, “सच कहने की आदत शायद लुप्त हो गई। अंतःचेतना भी वर्षों सुप्त हो गई। जिसने जगाया था अलख स्वाभिमान का। स्वारथ की तिजारत में तमीज पस्त हो गई।” आगे उन्होंने रेखांकित किया कि “सोहरत में है पागल सादरे सामत आई है। इस नासूर के कारण सहरे मातम छाई है। निजामी की तरफदारी पैगामे नूर है अपना। हमारा घर तो रौशन है विरासत बेच डाली है।”

वरिष्ठ साहित्यकार हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. विनय कुमार चौधरी ने अपनी मातृभाषा अंगिका में एक शानदार कविता सुनाई। इसके माध्यम से उन्होंने साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों पर व्यंग किया। उनकी पंक्ति “बार-बार समझाय छहों तोरा, कथिलै इ सब काम करै छो। मधेपुरा के भला लोगो कै कथिलै बदनाम करैछो” ने खूब तालियां बटोरी।

साहित्यिकार सह शिक्षक सियाराम यादव मंयक ने अपनी कविता के माध्यम से कहा जब दोस्ती में आदमी धोखा दिया कहीं, बनकर वही शोला धधके जहां तहां।

पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा में समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार ने अपनी कविता के माध्यम से कोरोना संक्रमण से उत्पन्न समकालीन परिस्थितियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “ए खुदा ये कैसी विपदा आई है।” आगे कहा, “वक़्त लगा मेरा हिसाब, अपनों को बचा लेना है। इस कोरोना में, सुबह आने की सच्चाई है।”

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में मैथिली विभागाध्यक्ष डाॅ.
उपेंद्र प्रसाद यादव ने मैथिली गीत ‘हमर मिथिला महान, हमर भारत महान’ के माध्यम से मिथिला एवं भारत का गुणगान किया।
कार्यक्रम के अंत में डाॅ. विनय कुमार चौधरी द्वारा संपादित पुस्तक समकालीन हिंदी कविता का लोकार्पण भी किया गया। साथ ही गत दिनों दिवंगत हुए साहित्यकार दंपती डाॅ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि एवं डाॅ. मीरा कुमारी को श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने की। मुख्य अतिथि विश्व हिंदी दिवस के प्रस्तावक एवं हिंदी सलाहकार समिति, भारत सरकार के सदस्य वीरेन्द्र कुमार यादव थे। अतिथियों का स्वागत सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने की।
इस अवसर पर उपकुलसचिव परीक्षा शशिभूषण, डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, ओमप्रकाश कुमार आदि उपस्थित थे।