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भूपेंद्र नारायण मंडल स्मृति दिवस पर परिचर्चा आयोजित

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*भूपेंद्र नारायण मंडल स्मृति समारोह का आयोजन।*

भूपेन्द्र नारायण मंडल अपने आपमें एक संस्था थे : कुलपति

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महामना भूपेंद्र नारायण मंडल अपने आपमें एक संस्था थे।‌ उनके विचारों एवं कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कही। वे गुरुवार को भूपेंद्र नारायण मंडल स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे थे। भारतीय समाजवादी आंदोलन और भूपेन्द्र नारायण मंडल विषयक इस परिचर्चा का आयोजन प्रशासनिक परिसर अवस्थित प्रेक्षागृह में किया गया।

कुलपति ने कहा कि भूपेंद्र बाबू ने सामंती जमींदार परिवार में जन्म लिया था। इसके बावजूद उन्होंने समाजवाद एवं सामाजिक न्याय के लिए काम किया। वे हमेशा सदन से लेकर सड़क तक आम लोगों की आवाज को बुलंद करते रहे।

कुलपति ने कहा कि भूपेंद्र बाबू सभी लोगों के साथ समानता का व्यवहार करते थे और विरोधी विचारों का भी सम्मान करते थे। वे जाति नहीं, बल्कि जमात की राजनीति करते थे।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री मंगनी लाल मंडल ने कहा कि भूपेन्द्र नारायण मंडल कर्मयोगी थै। उनकी महानता कुर्सी से नहीं, कर्म से है। उनके अंदर विचारों की ताकत थी।

उन्होंने कहा कि भूपेन्द्र नारायण मंडल मानते थे कि यहां वर्ग एवं वर्ण दोनों है। हमें दोनों से लड़ना होगा। सिर्फ मार्क्सवाद की वर्गीय दृष्टि को केंद्र में रखकर यहां सामाजिक परिवर्तन नहीं हो सकता है।

इस अवसर पर पूर्व प्रति कुलपति प्रो. कौशल किशोर मंडल ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू मनसा, वाचा एवं कर्मना समाजवादी थे। हम सबों को मिलकर भूपेंद्र बाबू के विचारों एवं कार्यों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि भूपेन्द्र नारायण मंडल का समाजवाद झोपड़ी एवं बैलगाड़ी से निकाला है।

कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य कुलसचिव प्रो. विपिन कुमार राय ने दिया। संचालन समन्वयक (एनएसएस) डॉ. सुधांशु शेखर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन परिसंपदा पदाधिकारी शंभू नारायण यादव ने की।

कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति ने महामना भूपेंद्र नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया

इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी चतुर किश्कू, भूपेन्द्र बाबू के पौत्र डॉ. दीपक कुमार मंडल, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार, प्रधानाचार्य प्रो. अशोक कुमार सिंह, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजूम, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद कुमार, आईक्यूएसी निदेशक प्रो. नरेश कुमार, डॉ. जवाहर पासवान, सीनेटर डॉ. रंजन यादव, डॉ. मो. वसीमुद्दीन, पावेल कुमार, विनीता भारती आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में डीएसडब्ल्यू डॉ. अशोक कुमार सिंह, कुलानुशासक डॉ. विमल सागर, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. आर. के. मल्लिक, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार, प्रो. उषा सिन्हा, पूर्व विकास पदाधिकारी डॉ. ललन प्रसाद अद्री,  डॉ. मो. अबुल फजल, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, डॉ. जैनेन्द्र, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे।

*होगी भूपेन्द्र चेयर की स्थापना*
कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने विश्वविद्यालय में भूपेन नारायण मंडल चेयर की स्थापना हेतु पांच लाख रुपए जमा करने की जरूरत बताई। परिसंपदा पदाधिकारी शंभू नारायण यादव ने वरिष्ठ साहित्यकार भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी से इसके लिए अनुरोध किया। प्रो. मधेपुरी ने इस अनुरोध को सहर्ष स्वीकार किया और उन्होंने घोषणा की शीघ्र ही पांच लाख रुपए जमा कर भूपेन्द्र नारायण मंडल चेयर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

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मेरे अभिन्न मित्र डॉ. मिथिलेश कुमार सहित राजनीति विज्ञान विषय के सभी नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। -सुधांशु शेखर, सचिव, शिक्षक संघ, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा