Search
Close this search box.

Birthday मित्र तुम्हें अशेष बधाई ! जयप्रकाश मानस

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

मित्र तुम्हें अशेष बधाई !
————————–

आज मेरे ध्यान में सुबह से ही बिहार था और बिहार के साथ-साथ बिहार, बोधनगर, बाँका के युवा लेखक-समीक्षक मित्र डॉ. सुधांशु शेखर भाई भी थे। आज उनका जन्मदिन जो है ।

इस दुनिया मेरे बहुत बाद यानी 1982 में आकर भी सुधांशु मुझसे और मेरे जैसे कई चिंतन-मनन करने वालों से आगे निकल गये हैं। कई गंभीर मुद्दों पर उनकी आलोचनात्मक कृतियाँ आ चुकी हैं – वर्ण व्यवस्था – अंबेडकर-विचार औऱ आधुनिक संदर्भ, विमर्श और प्रतिक्रिया, दर्शन और राजनीति, गांधी विमर्श। अंबेडकर और गांधी जी पर उनकी जो किताब है, वह आज के प्रायोजित संदर्भों को ध्वस्त करती है। नये युग की नयी दृष्टि से उन्होंने गाँधी और अंबेडकर की शास्त्रीयता और मानवीयता को तटस्थ रूप से देखकर सामाजिक विडंबनाओं की गहरी पड़ताल की है । यूँ तो इन दोनों के दर्शन और सिद्धांतों पर हिंदी-अंगरेज़ी कई किताबें हैं, किन्तु मुझे इन दोनों किताबों से कुछ नयी व्याख्यायें भी मिलीं हैं। महत्वपूर्ण इसलिए भी कि भारतीयता और भारतीय प्रजातांत्रिक मूल्यों को जिस तरह देश को ले जाया जा रहा है, यह किताब मन और मनीषा दोनों को सहिष्णुता की ओर ले चलती हैं।

इसके अलावा उन्होंने भूमंडलीकरण : नीति और नियति, लोकतंत्र : नीति और नियति, लोकतंत्र : मिथक और यथार्थ, भूमंडलीकरण और लोकतंत्र, शिक्षा दर्शन, भूमंडलीकरण और पर्यावरण, शिक्षा और समाज, पर्यावरण और मानवाधिकार जैसे ज्वलंत मुद्दों पर अभिकेंद्रित कृतियों का संपादन भी किया है ।

जयप्रकाश मानस

08.11.2015फेसबुक से साभार।

 

READ MORE