मनोविज्ञान की उपयोगिता विश्वव्यापी : प्रो. रहमान
मनोविज्ञान की मानव जीवन में महती उपयोगिता है। हमारे परिवार, समाज, राष्ट्र एवं संपूर्ण विश्व के लिए मनोविज्ञान उपयोगी है। इसकी उपयोगिता विश्वव्यापी है।
यह बात विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. एम. आई. रहमान ने कही। वे बुधवार को समाज में मनोविज्ञान की उपयोगिता विषयक सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के तत्वावधान में किया गया।
प्रो. रहमान ने कहा कि मनोविज्ञान मानव को बेहतर ढंग से समझने का विज्ञान है और इस रूप में यह प्राकृतिक विज्ञानों से श्रेष्ठ है। आज मनोवैज्ञानिकों की भूमिका समाज के मार्गदर्शक के रूप में उभर कर सामने आ रही है। अत: हमारा लक्ष्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, अपितु दक्षता प्राप्त करना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज का युग दक्षता का युग है, यदि हम विद्यार्थी जीवन में तपस्या करेंगे तो आगे हमारे लिए मीठे फल हैं। हमें पूर्णतः अपनी शिक्षा प्राप्ति के लिए एक मजबूत इरादे की आवश्यकता है और यह तभी संभव है जब हम अध्ययन और अध्यापन में लीन रहेंगे। हमारे अंदर कौशल होगा तो नौकरी हमारे पास चल कर आएगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि मनोविज्ञान का लक्ष्य सभी मानवों का कल्याण है। आज सभी क्षेत्रों में मनोवैज्ञानिकों का मांग बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इसमें कार्य करके हम आर्थिक लाभ भी कमा सकते हैं और एक जीवन जीवन भी जी सकते हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार सिंह ने कहा कि मनोविज्ञान मां गर्भ से लेकर मृत्युपरांत हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है।
उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि सभी विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षा में आएं और अपने कार्य एवं व्यवहार से महाविद्यालय का नाम रौशन करें।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने की।
धन्यवाद ज्ञापन अतिथि व्याख्याता डॉ. राकेश कुमार ने किया।
इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, बबीता, श्वेता, रिया राज, शिवानी, निभा, खुशबू, प्रीति, प्रीति प्रिया अनुपम, गणेशचंद्र सेन, नीतीश कुमार यादव, निशा कुमारी, बेबी कुमारी अंकित कुमार, नेहा, संजना, सरस्वती सोनी,आशीष, गुड़िया, निधि, प्रेम शंकर, लवली, बबली, रूपा, मंजेश, कुंदन कुमार एवं सावित्री आदि उपस्थित थे।