BNMU। हमें आजादी पर गर्व है : डाॅ. रवि

हमें आजादी पर गर्व है : डाॅ. रवि

जननी एवं जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है। हमें इसकी सेवा एवं रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। इसी भावन के साथ भारत का हरएक नागरिक देश के लिए ही जीते हैं और देश के लिए मरने को तैयार रहते हैं।

यह बात पूर्व सांसद (लोकसभा एवं राज्यसभा) और बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रथम कुलपति प्रोफेसर
डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव ‘रवि’ ने कही।

वे शुक्रवार को यू-ट्यूब चैनल बीएनएमयू संवाद पर आजादी : कुछ बातें, कुछ यादें विषयक व्याख्यान दे रहे थे। इस व्याख्यान का आयोजनआजादी की पूर्व संध्या पर डॉ. रवि की पाठशाला के अंतर्गत किया गया।

उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद भारत पंद्रह अगस्त 1947 को आजाद हुआ। आज हमारी धरती आजाद है। हमारे लोग आजाद हैं। हमारी भावनाएं आजाद हैं।

उन्होंने कहा कि आज भी मुल्क में मुश्किलें कम नहीं हैं। आज भी पाकिस्तान हमारी सीमारेखा पर अतिक्रमण करने की कोशिश करता रहता है। हमारे जांबाज़ हमारे वीर सैनिक हमारे देश की रक्षा को तत्पर रहते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका मजबूत है। आज हमारी विदेश नीति संसार के किसी भी मुल्क से अधिक जीवंत है। अमेरिका, रूस, इंग्लैंड और सहित सभी देश भारत के महत्व को स्वीकार करते हैं।

उन्होंने कहा कि जब हमें अधिकार मिला, हमने अपना संविधान बनाया। हमारा संविधान दुनिया के सबसे अच्छे संविधानों में एक है। संविधान में जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

उन्होंने कहा कि भारत के सभी नागरिक आजादी के जज्बे जज्बे को सीने से लगाकर जीते हैं। हम आज भी गौरव करते हैं कि हम भारतवासी हैं और हम आजाद भारत के नागरिक हैं। हम सभी सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ताँ हमारा। हम बुलबुले हैं इसके यह गुल्सिताँ हमारा।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त एक राष्ट्रीय दिन है। एक ऐसा ऐतिहासिक दिन है, जिसे हम कभी भूल नहीं सकते हैं। बहुत कुर्बानियों के बाद हमें आजादी मिलीं। बहादुरशाह जफर, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अस्फाकउल्ला खाँ, महात्मा गाँधी, सुभाषचंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानियां दीं।

उन्होंने बताया कि वे लंबे समय तक ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में प्रधानाचार्य रहे। वहाँ कई बार झंडोत्तोलन का अवसर मिला। सौभाग्य से 1992 में बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा की स्थापना हुई। 26 जनवरी, 1992 को संस्थापक कुलपति के रूप में टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा परिसर में झंडोत्तोलन करने का गौरव प्राप्त हुआ। यहाँ गाजे-बाजे के साथ भव्य आयोजन हुआ, जो अविस्मरणीय है।